राज्य में सरकारी जमीन पर होर्डिंग लगाने लागू की जायेगी नई नीति

ई- नीलामी के जरिए आवंटित होगी जगह

मुंबई / दि. 16- राज्य सरकार ने सरकारी जमीन पर होर्डिंग (विज्ञापन बोर्ड) लगाने के लिए नई नीति को मंजूरी दी है. जिले में ई -नीलामी के जरिए होर्डिंग की जगह चिन्हित करके आवंटित की जाएगी. सोमवार को राज्य के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है. सभी जिलाधिकारियों को संबंधित जिले में होर्डिंग के लिए उचित सरकारी जगह चिन्हित करना होगा. जगह के क्षेत्रफल और होर्डिंग के आकार के अनुसार ई- नीलामी की जाएगी.
ई-नीलामी प्रक्रिया के लिए संबंधित जिले के निवासी जिलाधिकारी नोडल (समन्वय) अधिकारी होंगे. जिलास्तर पर होर्डिंग के ठेकेदारों का चयन नीलामी के जरिए करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी. इसमें सूचना व जनसंपर्क निदेशालय के जिलास्तर के प्रतिनिधि का भी समावेश होगा. सभी जिले में नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सबसे ज्यादा रकम की बोली लगानेवाले ठेकेदार को आशय पत्र (एलओआई) देने से पहलेे सरकार से पूर्व मंजूरी लेना आवश्यक होगा. नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले व्यक्ति और संस्था को राज्य के सूचना व जनसंपर्क महानिदेशालय (डीजीआईपीआर) के पास पंजीयन आवश्यक होगा. संबंधित व्यक्ति अथवा संस्था को विज्ञापन व्यवसाय में कम से कम पांच साल का अनुभव होना आवश्यक होगा. ई- नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले पांच साल के लिए जगह को किराए करार पर उपलब्ध कराया जाएगा. नियमों और शर्तो का उल्लंघन करने पर निश्चित किए गये तीन साल के जमीन किराए की दोगुनी राशि दंड के रूप में वसूलकर करार तत्काल रद्द किया जाएगा.
न्यूनतम बोली राशि – होर्डिंग के लिए ठेकेदार को सभी मनपा , अ वर्ग नगर पालिका , राष्ट्रीय और राज्य महामार्ग क्षेत्र में न्यूनतम देय राशि जगह के प्रचलित बाजार मूल्य के मूल्यांकन पर निर्धारित दर की पांच प्रतिशत होगी. जबकि महानगर पालिका और अब वर्ग नगर पालिका क्षेत्र को छोडकर बाकी हिस्सों के लिए तीन गुना राशि वसूली जाएगी.
अनुज्ञप्ति फीस: संबंधित महानगर पालिका, नियोजन प्राधिकरण , नगर परिषद की ओर से विज्ञापन के लिए निश्चित किए गये शुल्क को अनुज्ञप्ति फीस के रूप में वसूला जाएगा.

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