आदिवासी संस्कृति और परंपरा का जतन करते हुए निकाली रैली

विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजन

धामणगांव रेलवे/ दि. 11 – प्रकृति से प्रेम करनेवाले और उसका संरक्षण व संवर्धन करने के लिए सदैव तत्पर आदिवासी समाज बंधुओं की स्वतंंत्रता संग्राम में भी अहम भूमिका रही है. आज सभी आदिवासी समाज बंधु अपनी परंपरा और संंस्कृति को जीवित रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं. 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में आदिवासी समाज बंधुओं ने आदिवासी परंपरा व संस्कृति का जतन करते हुए शहर के दत्तापुर से विशाल रैली निकाली. इस रैली में भगवान बिरसा मुंडा, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज और अण्णाभाउ साठे की प्रतिमाएं भव्य स्वरूप में ट्रैक्टरों पर सजाई गई थी. इस रैली के माध्यम से भगवान विरसा मुंडा के चित्रों का दर्शन करवाया गया.
रैली में ‘आदिवासी जंगल रखवाले रे,’ ‘पहले बिरसा मुंडा को वंदन करें’ ‘आओ मिलकर आदिवासी दिवस मनाए ’ जैसे नारों और पारंपरिक गीतों की धुन पर आदिवासी महिला- पुरूष थिरकते नजर आए. रैली में आदिवासी कर्मचारी संगठन के राजू सलमाखे, राज्य संगठक मोहन राउत, प्रफुल्ल गावल, जया किन्नाके सहित आदिवासी बंधुओं ने सहभाग लिया. यह रैली दत्तापुर से बसस्थानक, अमर शहीद भगत सिंग चौक, गांधी चौक, शास्त्री चौक, शिवाजी चौक तक निकाली गई.
इस विशाल रैली में महिला- पुरूष, युवक-युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में सहभाग लेकर पारंपरिक वाद्य और ढोल- नंगाडो की थाप पर नाचते गाते चल रही थी. वही छोटे- छोटे बच्चे भी पारंपरिक पोशाख धारण कर सबसे आगे चल रहे थे. इस रैली में परि आत्राम ने रानी दुर्गावती की हुबहू वेशभूषा धारण कर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. रैली में आदिवासी समाज के नीकेश सुरपान, अजय मंडाले, अमित मारगाये, गणेश उईके, चेतन उईके, रितेश नेवारे, रितेश राउत, गणेश पुसनाके, दिनेश पुसनाके, नीलेश मंडाले, मयूर मरसकोल्हे, प्रवीण चौधरी, निखिल राउत, नरेश राउत, जगन राउत, स्वप्निल कोडवते, अजय कंगाले, वेदांत कोहले, बाबू नामलुते, गौरव सहारे, निखिल नागौते, धीरज वाघाडे, अनिकेत सोनोने, अर्पित उईके, गौरव राउत, सूरज सहारे, जयश्री किन्नाके, सुनीता सडनाके, सीमा पेदाम, पपीता कंगाले, संगीता मडावी, रूपाली कंगाले, संगीता सुरपान, वनीता पुसनाके, उर्मिला मरसकोल्हे सहित आदिवासी समाज बंधु बडी संख्या में उपस्थित थे.

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