सीधे 20% का गोता !
शहर में पेट्रोल की खपत हुई कम

* रेलवे ओवरब्रिज बंद करने का साइड इफेक्ट
* लोगों का अंदाज बिल्कुल उलटा था
अमरावती/ दि. 2- दो माह पहले राजकमल रेलवे पुल भारी वाहनों के लिए बंद किए जाने पश्चात अब पूरी तरह दुपहिया भी प्रतिबंधित कर दिए जाने पश्चात शहर में एक ओर यातायात की घोर समस्या पैदा हुई है. गणेशोत्सव और गौरी उत्सव के दौरान यातायात बढा. बावजूद इसके शहर में पेट्रोल की खपत कम हुई है. इस प्रकार की जानकारी अमरावती पेट्रोल डीलर्स असो. ने दी. जबकि अमरावतीवासियों का इस मामले में अंदाज बिल्कुल उलटा था. कई लोगों का मानना था कि वाहन बढने और ब्रिज बंद होने से फेरा लेकर लोगबाग आना जाना कर रहे हैं तो पेट्रोल की खपत बढी होगी.
* 5-7 हजार लीटर कम
अमरावती मंडल ने आज दोपहर पेट्रोल डीलर्स असो. के सचिव सौरभ जगताप से चर्चा की. उन्होंने बताया कि गत 25 अगस्त से राजकमल रेलवे ब्रिज पूरी तरह यातायात के लिए बंद होने के बाद से पेट्रोल विक्री में गिरावट आयी है. इसके पहले बडे वाहनों का भी इस ब्रिज से आना- जाना बंद किया गया था. छोटी कारे और दुपहिया की ब्रिज से आवाजाही गत 24 अगस्त की रात से बंद की गई. पहले अमरावती में लगभग 28-30 हजार लीटर पेट्रोल की खपत होती थी. सौरभ जगताप के अनुसार वह घट कर 22-23 हजार लीटर पर आ गई है.
* डीजल विक्री पर भी असर
सचिव जगताप ने बताया कि शहरी सीमा में 18 पेट्रोल पंप स्थित है. डीजल की विक्री पहले ही प्रभावित हो चुकी है. अब रेलवे ब्रिज बंद किए जाने से पेट्रोल की विक्री पर भी असर पडा. उन्होंने यहां तक दावा कि पंपों पर वाहनों में पेट्रोल भरनेवाले कर्मचारी कई बार ग्राहकी के अभाव में बैठे रहते हैं. पहले ऐसा नहीं था. बडे सबेरे से लेकर देर शाम तक पंपों पर वाहनों की कतारे इंधन के लिए लगी रहती थी.
* खपत कम होने के यह बताए जा रहे कारण
सौरभ जगताप ने दावा किया कि शहरवासी रेलवे उडानपुल बंद होने के बाद बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकल रहे हैं. जिसके कारण वाहनों में इंधन पहले की तुलना में कम लग रहा है. उन्होंने कहा कि 10 मिनट डिलेवरी कंपनियों को ऑडर्स प्लेस किए जा रहे हैं. उसी प्रकार यातायात की समस्या के कारण भी लोगों ने बाहर निकलना सीमित किया है.
* सामान्य सोच अलग
अमरावती मंंडल ने शहरवासियों से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उनका अंदाज अलग है. उनके ख्याल से वाहनों को घूमकर जाना पड रहा है. उनका किलोमीटर का फेरा बढा है. ऐसे में वाहनों की इंधन खपत बढी है.् 5 हजार वाहन में रोज 20 रूपए अतिरिक्त इंधन खर्च बढने का अनुमान ग्रहण करे तो 10 लाख रूपए का व्यय बढा है. जिससे महीने की 3 करोड की अतिरिक्त विक्री पेट्रोल की बढने की संभावना कुछ लोगों ने चर्चा दौरान व्यक्त की.





