केकदाखेडा शिवार में बाघ का आतंक
रात के अंधेरे में किया भैंस का शिकार

* ग्रामवासियों में दहशत
धारणी/दि.11 – धारणी तहसील के बाघ प्रकल्प के जंगल के केकदाखेडा गांव के निकट जंगल में रात के अंधेरे में पट्टेदार बाघ ने भैंस का शिकार कर लिया. इस घटना से आपसपास के ग्रामवासियों में दहशत व्याप्त हैं.
उल्लेखनीय है कि मेलघाट टाईगर प्रोजेक्ट के अकोट वन्यजीव विभाग के रेलवे धुलघाट वन्यजीव विभाग के केकदाखेडा गांव के समीपस्थ वनखंड नं.1158 के जंगल में बुधवार 10 दिसंबर की सुबह एक बाघ ने एक भैंस पर हमलाकर उसे मार डालने की घटना सामने आई.
केकदाखेडा गांव के किसान सुभाष छगन चौहान की भैंस मंगलवार को जंगल में चरने के लिए गई थी, वह वापिस लौटी ही नहीं. बुधवार 10 दिसंबर को सुबह जंगल में मृत हालात में भैंस दिखी. इसके संबंध में धुलघाट रेंज के अधिकारियों को जानकारी दी गई हैं. इस घटना के कारण नजदीकी कावडाझिरी, खिडकी कासमार और केकदा गांव के आदिवासी तथा पशुपालक बहुत घरबराये हुए हैं. विदित हो कि इस सीजन में चना और गेहूं के लिये किसान खेत में ही घर बनाकर रहते है, इसी वजह से किसानों में दहशत का माहौल हैं.
बता दें कि प्रादेशिक वनविभाग के टिटंबा परिसर से सटकर ही वन्यजीव विभाग का घना जंगल है. बाघ सहित अनेक हिंसक पशुओं का इस भाग में मुक्त विचरण रहता हैं. गुगामल वन्यजीव के ढाकणा रेंज और अकोट वन्यजीव के धुलघाट रेंज का जंगल भी इस भाग में हैं. धारणी से सिर्फ 16 किमी दूरी पर स्थित इस भाग में बाघ, तेंदुआ, जंगली सुअर, सांभर और अनेक वन्यपशुओं का मुक्त विचरण रहने से किसान तथा पशुपालक हमेशा ही खौफ में रहते हैं. स्थानीय लोगों की मांग हैं कि बाघ के इस हमले में मारी गई भैंस के मालिक किसान सुभाष चौहान को तत्काल मुआवजा देने और बाघ पर नियंत्रण पाने की जरूरत है. नागरिकों का कहना है कि वन विभाग की किसी बडी घटना का इंतजार नहीं करना चाहिए.





