वन्य प्राणि ने किया कर्ता पुरुष का शिकार, परिजनों को 25 लाख का मुआवजा

अमरावती/दि.7 – वन्य प्राणियों द्वारा किए जानेवाले हमले में किसी भी व्यक्ति के गंभीर रुप से घायल, स्थायी तौर पर अपंग अथवा मृत होने पर दी जानेवाली रकम में दो वर्ष पहले राज्य सरकार द्वारा वृद्धि की गई. जिसके चलते अब ऐसे मामलों में अधिकतम 25 लाख रुपए तक सहायता प्रदान की जाती है. विगत दो वर्षों के दौरान बाघ व तेंदुए के हमले में चार लोगों की मौत हुई है. जिसमें से तीन मृतकों के वारिसों को सुधारित नियमावली के अनुसार सानुग्रह सहायता प्रदान की गई. वहीं हरिसाल निवासी मृतक के परिजनों को शेष रकम देने हेतु प्रक्रिया चल रही है.
उल्लेखनीय है कि, मेलघाट में वन्य प्राणियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, तथा इंसानों व वन्य प्राणियों के बीच संघर्ष लगातार बढ रहा है, जिसे कम करने हेतु व्याघ्र प्रकल्प व वन विभाग द्वारा जंगल क्षेत्र से सटे गांवों के नागरिकों जागरुक किया जा रहा है.
* इन प्राणियों का हमला होने पर मिलती है मदद
बाघ, तेंदुआ, भालू, गवा, जंगल सूअर, लोमडी, भेडीया, लकडबग्गा, मगर, हाथी, जंगल कुत्ते (ढोला), रोही तथा बंदर द्वारा किए गए हमले में किसी भी व्यक्ति के छिटपूट व गंभीर घायल होने, स्थायी तौर पर अपंगत्व का शिकार होने तथा मारे जाने पर सरकारी सानुग्रह सहायता प्रदान की जाती है.
* अपंगत्व आने पर साढे सात लाख रुपए की भरपाई
वन्य प्राणियों द्वारा किए गए हमले में स्थायी तौर पर अपंगत्व आने पर 7 लाख 50 हजार रुपए, गंभीर रुप से घायल होने पर 5 लाख रुपए तथा छिटपूट घायल होने पर घायल व्यक्ति के दवाई-पानी के खर्च सहित निजी अस्पताल में इलाज हेतु 50 हजार रुपए की मदद प्रदान की जाती है.
* अब तक कितने लोगों को मिली सहायता
विगत दो वर्षों के दौरान बाग व तेंदुए द्वारा किए गए हमले में चार लोगों की मौत हुई है. जिसके तहत जामली परिक्षेत्र में विनोद चिमोटे (केली), अकोट परिक्षेत्र में रसूल रुस्तम मोरे (शहापुर) व हरिराम कास्देकर (केसरपुर) के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की सरकारी सहायता प्रदान की गई है. वहीं मन्नू जावरकर (हरिसाल) के परिजनों को 5 लाख रुपए दिए गए है. वहीं शेष रकम के लिए प्रक्रिया चल रही है.
* वारिसदार को धनादेश व बैंक एफडी
वन्य प्राणि द्वारा किए गए हमले में मृत व्यक्ति के वारिसों को मिलनेवाली रकम में से 10 लाख रुपए धनादेश के जरिए प्रदान किए जाते है. वहीं शेष रकम में से 10 लाख रुपयों को 5 वर्ष के लिए तथा 5 लाख रुपयों को 10 वर्षों के लिए बैंक में उनके नाम पर फिक्स डिपॉजिट किया जाता है.
* हरिसाल में बाघ द्वारा किए गए हमले के चलते मारे गए व्यक्ति के परिजनों को 5 लाख रुपए की तत्काल सहायता देने की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है. वहीं उनके खाते में शेष बची हुई सानुग्रह अनुदान की रकम तत्काल जमा करा दी जाएगी. इसके अलावा वन्य प्राणियों के हमले में मारे गए अन्य तीन लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की पूरी सहायता प्रदान की जा चुकी है.
– राहुल घाईत
प्र-वनपरिक्षेत्र अधिकारी, हरिसाल.





