एक हजार रुपए में गर्भपात की गोलियां
अकोट के टावरी मेडीकल से हो रही थी विक्री

* मेडीकल स्टोर्स संचालक के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज
अकोला /दि.15- दवा विक्री की दुकान से बिना किसी प्रिस्क्रीप्शन के कागज में लपेटकर गर्भपात की गोलियों की धडल्ले के साथ विक्री होने का सनसनीखेज मामला अकोट में उजागर हुआ है. जहां पर गर्भपात से संबंधित दवाओं की बिना बिल के परस्पर ही विक्री हो रही थी. औषध प्रशासन विभाग ने एक नकली ग्राहक भेजते हुए अकोट के टावरी मेडीकल स्टोर्स में चल रहे इस फर्जीवाडे का भंडाफोड किया. साथ ही टावरी मेडीकल के संचालक सहित दो भाईयों के खिलाफ पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया.
अन्न व औषधी प्रशासन विभाग के औषधी निरीक्षक मनीष गोतमारे ने इसे लेकर अकोट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि, जिला शल्य चिकित्सक ने 27 जून को औषधी प्रशासन विभाग के नाम पत्र जारी कर अकोट के टावरी मेडीकल स्टोर्स में अवैध रुप से गर्भपात की गोलियों की विक्री होने की जानकारी दी. जिसके आधार पर 3 जुलाई को वैद्यकीय अधिकारी डॉ. राजश्री भुईभार, विधि समादेशक एड. शुभांगी ठाकरे व सामाजिक कार्यकर्ता अशोक जाधव सहित 2 पंचों ने अकोट पहुंचकर मामले की जांच की. साथ ही रेलवे स्टेशन रोड पर डॉ. केला हॉस्पिटल के पास स्थित टावरी मेडीकल स्टोर्स में एक नकली ग्राहक को भेजा गया. जिसके द्वारा गर्भपात की गोलियां मांगते ही मेडीकल स्टोर्स की महिला कर्मचारी ने उसे एक मोबाइल नंबर दिया और उस नंबर पर संपर्क करते हुए गर्भपात की गोलियां मांगने हेतु कहा. औषधी प्रशासन विभाग द्वारा ग्राहक बनाकर भेजे गए व्यक्ति की ओर से ऐसा किए जाते ही कुछ देर बाद पंकज टावरी नामक व्यक्ति मेडीकल स्टोर्स पहुंचा. जिसने उस नकली ग्राहक को 4 लंबी व एक गोल गोली कागज में लपेटकर दी. जिसकी ऐवज में उस नकली ग्राहक से एक हजार रुपए लिए. ठीक उसी समय वहां पहले से जाल बिछाकर बैठे पथक ने छापा मारकर पंकज टावरी की तलाशी ली. जिसके पास से गर्भपात की दवाई सहित 500 रुपए की दो नोटे जब्त की गई.
* दवाई लाकर देनेवाला वह व्यक्ति कौन था?
उल्लेखनीय है कि, टावरी मेडीकल नामक प्रतिष्ठान विपिन टावरी के नाम पर है तथा इसे अधिकृत औषधी विक्रेता के तौर पर दर्ज किया गया है. इस कार्रवाई के बाद उक्त मेडीकल स्टोर्स के सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. साथ ही विपिन टावरी को नोटिस देते हुए गर्भपात की गोलियों की खरीदी व देयकों के बारे में पूछताछ की गई. साथ ही जब्त की गई गोलियों के सैम्पल को जांच-पडताल हेतु नागपुर की प्रयोगशाला में भेजा गया. साथ ही साथ 7 जुलाई को कारण बताओ नोटिस भी जारी की गई. जिस पर विपिन टावरी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि, गोली लाकर देनेवाला पंकज टावरी नामक व्यक्ति उनके मेडीकल स्टोर्स का कर्मचारी नहीं है. साथ ही उनका इस पूरे मामले से कोई लेना-देना भी नहीं है. ऐसे में यह सवाल पूछा जा रहा है कि, दवाई लाकर देनेवाला व्यक्ति कौन था.





