आपसी मिलिभगत कर संपत्ति हस्तांतरित करनेवालों पर हो कार्रवाई
बुजूर्ग नागरिक नंदकिशोर कालबांडे ने पत्रवार्ता में उठाई मांग

* जिलाधीश की अनुमति के बिन अपनी संपत्ति के हस्तांतरण पर उठाया सवाल
अमरावती/दि.28- स्थानीय आदर्श नेहरु नगर में रहनेवाले नंदकिशोर कालबांडे ने आज एक पत्रवार्ता बुलाते हुए आरोप लगाया कि, 6 मई 2013 को मृत उनकी मां श्रीमती अनुसया अजाबराव कालबांडे के नाम पर रहनेवाले पक्के घर में वे विगत अनेक वर्षों से रह रहे है. परंतु उनके बडे भाई का भांजा गौरव माहुरे उन्हें उनके ही मकान से बेदखल करने का प्रयास कर रहा है. जिसके लिए गौरव माहुरे ने एक महिला सहित दुय्यम निबंधक कार्यालय के लिपिक एन. एस. मुंडे के साथ मिलिभगत करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए है और उन्हें मकान खाली करने हेतु मानसिक तौर पर प्रताडित किया जा रहा है. अत: पूरे मामले की सघन जांच करते हुए संबंधितों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जानी चाहिए.
इस पत्रवार्ता में नंदकिशोर कालबांडे ने दावा किया कि, उनकी मां की वर्ष 2013 में मौत होने से पहले उनकी संपत्ति के तीन हिस्से करते हुए तीनों भाईयों को उनके हिस्से दे दिए गए थे. जिसमें से सबसे बडे भाई ज्ञानेश्वर कालबांडे ने अपना हिस्सा अपने जीते जी बेच दिया है. जिसके बाद ज्ञानेश्वर कालबांडे की 19 नवंबर 2024 को मौत हो गई थी. वहीं ज्ञानेश्वर कालबांडे की पत्नी मायाबाई कालबांडे की 17 जनवरी 2012 को ही मौत हो चुकी थी और उन्हें कोई बालबच्चे भी नहीं थे. ऐसे में दोनों भाई नंदकिशोर कालबांडे व रमेश कालबांडे ही ज्ञानेश्वर कालबांडे के कानूनी वारिस थे. परंतु अपनी मौत से पहले बडे भाई ज्ञानेश्वर कालबांडे ने अपनी मां के नाम पर नोटरी मृत्युपत्र तैयार करवाया था. जिस पर मां के हस्ताक्षर की बजाए उसके अंगूठे का निशान है. जबकि सेवानिवृत्त परिचारिका व पेंशनर रहनेवाली उनकी मां हस्ताक्षर करने में सक्षम थी और हस्ताक्षर करते हुए भी अपनी पेंशन लिया करती थी. साथ ही उसने नरखेड में खेत खरीदते समय खरीदी खत पर अपने हस्ताक्षर किए थे. ऐसे में अंगूठे के निशान वाला मृत्युपत्र पूरी तरह से फर्जी है. जिसे आधार बनाते हुए ज्ञानेश्वर कालबांडे का भांजा उनकी संपत्ति पर कब्जा करना चाह रहा है. जिसके लिए एन. एस. मुंडे नामक लिपिक से मिलिभगत कर जिलाधीश की अनुमति के बीना उनकी व्यक्तिगत संपत्ति का हस्तांतरण कर दिया गया है और अब उन्हें उनके ही घर से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. अत: इस मामले की सघन जांच होनी चाहिए.





