बांग्लादेशियों को नौकरी देनेवालों पर होगी कार्रवाई

राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

मुंबई/दि.28 – किसी भी कंपनी, उद्योग व अन्य आस्थापना में बांग्लादेशी नागरिक को नौकरी दिए जाने की बात सामने आने पर संबंधित संचालक व मालक को जवाबदार मानते हुए उनके खिलाफ कडी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, इस आशय का आदेश राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया है. बांग्लादेश से भारत में अवैध तौर पर घुसपैट करते हुए यहां पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रहनेवाले बांग्लादेशी नागरिकों को नियंत्रित करने हेतु राज्य के गृह विभाग ने गत रोज एक परिपत्रक जारी किया है. जिसमें उपरोक्त आदेश का उल्लेख है.
इस परिपत्रक में कहा गया है कि, बांग्लादेश से आनेवाले अवैध घुसपैठिए बेहद कम मजदूरी पर काम करने के लिए तैयार हो जाते है और कम पैसे में नौकर मिलने के चलते कई बार नागरिकत्व की जांच-पडताल किए बिना बांग्लादेशी नागरिकों को कंपनियों, उद्योगों व आस्थापनाओं में काम पर रख लिया जाता है. परंतु ऐसा करने की वजह से राज्य सहित देश की सुरक्षा खतरे में आ जाती है. अत: बांग्लादेशी नागरिकों को बिलकुल भी काम पर नहीं रखा जाना चाहिए. साथ ही इसे रोकने के लिए सभी प्रशासकीय विभागों ने भी पूरी सतर्कता के साथ काम करना चाहिए.
इसके साथ ही राज्य के गृह विभाग द्वारा कहा गया है कि, फर्जी दस्तावेजों के जरिए मूल प्रमाणपत्रों में काटछाट कर नागरिकत्व संबंधी दस्तावेज तैयार करनेवाले बांग्लादेशी नागरिकों की स्वतंत्र सूची तैयार की जानी चाहिए. जिसे सभी संबंधित विभागों द्वारा अपनी-अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाना चाहिए, ताकि अन्य सरकारी कार्यालय सतर्क हो जाए और उन्हें कोई भी प्रमाणपत्र न दे. इसी परिपत्रक में यह भी कहा गया है कि, विविध सरकारी योजनाओं में व्यक्तिगत लाभ लेनेवाले व्यक्ति से व्यक्तिगत गारंटी पत्र अथवा हलफनामा लिया जाता है. इस प्रक्रिया के तहत संबंधित व्यक्ति के भारतीय नागरिक नहीं रहने अथवा उसके द्वारा झूठे दस्तावेजों के आधार पर योजनाओं का लाभ लेने की बात सामने आने पर उस व्यक्ति के खिलाफ तत्काल फौजदारी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी प्रमाणपत्र व आधार कार्ड प्राप्त करने में सहायता करनेवाले लोगों के खिलाफ भी फौजदारी कार्रवाई की जाएगी और यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा राज्य में अवैध रुप से रहनेवाले बांग्लादेशी घुसपैठियों को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता अथवा नौकरी जैसी मदद प्रदान करनेवाले लोगों को भी फौजदारी कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा.

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