जमीन के अकृषक उपयोग के बाद अब सनद की शर्त भी रद्द!
राजस्व मंत्री चद्रशेखर बावनकुले का एतिहासिक निर्णय

नागपूर/दि.11 – राज्य में भूमी- राजस्व प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक और बडा कदम उठाया है. अकृषक (एनए) अनुमति की शर्त रद्द किए जाने के बाद अब आगे की सनद लेने की शर्त भी रद्द कर दी गई है. इस संदर्भ में महाराष्ट्र भुमी महसूल सहिंता (दुसरा संशोधन) विधेयक 2025 राजस्व मंत्री चद्रशेखर बावनकुले ने विधान सभा में प्रस्तुत किया.
विधानसभा में विधेयक की पृष्ठभूमि रखते हुए राजस्व मंत्री बावनकुले ने बताया कि. 1966 की जमीन राजस्व सहिंता में 2014-2018 के दौरान संशोधन कर रहवासी और व्यवसायीक उपयोग हेतु एनए अनूमति पहले ही शिथिल की गई थी. लेकिन इसके बाद भी सनद लेना अनिवार्य होने से प्रक्रिया जटिल बनी हुई थी. अब सनद की यह शर्त पूरी तरह हटाई गई है. और इसके स्थान पर नाममात्र प्रीमियम (अधिमुल्य) लिया जाएगा.
विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने भी इस निर्णय का स्वागत किया. अकृषक कर रद्द करने और सनद प्रक्रिया सरल करने पर विधायक विक्रम काले, प्रवीण दटके, योगेश सागर, रमेश बोरनारे, जयंत पाटील ने विधेयक का समर्थन करते हुए राजस्व मंत्री बावनकुले का अभिनंदन किया.
इस दौरान कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने चर्चा के दौरान कृषी भूमि संरक्षण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा की शहरीकरण के कारण कृषि भुमि घट रही है. और दुसरी ओर बाढ से नदी किनारे की जमीन कटकर बह रही है. ऐसे में कृषि भूमि बचाना बडा
* नए प्रीमियम की दरे (रेडी रेकनर के आधार पर)
– अब जमीन के उपयोग के लिए सनद आवश्यक नहीं, केवल रेडी रेकनर (बाजार मूल्य) के आधार प्रीमियम भरकर उपयोग नियमित किया जा सकेगा.
– 1000 वर्गमीटर तक: रेडी रेकनर मूल्य का 0.1%
– 1001 से 4000 वर्ग मीटर तक : रेडी रेकनर मूल्य का 0.25%
– 4001 वर्गमीटर से अधिक : रेडी रेकनर मूल्य का 0.5% सरकार ने इस स्पष्ट किया हैं कि इस बदलाव से स्थानीय स्वराज्य संस्थाओ के टैक्स या शुल्क में कोई कटौती नहीं होगी. उन्हें उनका हिस्सा मिलता रहेंगा.





