मासखमण पूरा करने पर लावण्या का सत्कार
31 दिन की कठोर तपस्या

अमरावती /दि.20 – शहर के प्रतिष्ठित शिवसर परिवार की लावण्या द्बारा मासखमण पूरा किए जाने पर शुक्रवार 19 सितंबर को मासखमण का पारणा किया गया. इस दौरान लावण्या का सत्कार किया गया.
उल्लेखनीय है कि श्री जैन श्वेतांबर श्रीसंघ के चातुर्मास के दौरान लावण्या शिवसर ने 31 दिन का मासखमण किया था. जैन धर्म में ‘मासखमण’ एक कठोर तपस्या है, जिसमें लगभग एक महीने (31 दिन) तक भोजन का त्याग किया जाता है और केवल दिन के दौरान उबला हुआ पानी पीने की अनुमति हो सकती है. यह तपस्या आत्मशुध्दि, समर्पण और कर्मो के क्षय ने लिए की जाती है. यह तपस्या जैन परंपरा में आत्म- साक्षात्कार और मोक्ष की ओर ले जानेवाला एक शक्तिशाली मार्ग माना जाता है. शिवसर परिवार की लावण्या ने 31 दिन तक भोजन का त्याग कर मासखमण किया.
शुक्रवार 19 सितंबर को उसका पारणा था.इस दौरान श्री वर्धमान स्थानक जैन समाज सहित सुगमचंद बोथरा, विजय बोथरा, अमृत मोथा, अभय कोटेचा, धर्मेद्र मुणोत, अनिल कोठारी, प्रकाश बोरडया व शिवसर परिवार मौजूद थे. इस दौरान सभी ने लावण्या की तपस्या का अभिनंदन कर उसका सत्कार किया.





