पूजा खेडकर के बाद डॉ. सचिन ओंबासे फंसे विवादो में
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यूपीएससी क्लिअर करने का आरोप, जांच के आदेश जारी

नागपुर/दि.24 – फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस बननेवाली पूजा खेडकर के मामले के बाद अब इससे ही मिलता जुलता एक और मामला सामने आया है. जिसके तहत सोलापुर महानगर पालिका के आयुक्त डॉ. सचिन ओंबासे द्वारा फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेकर केंद्रीय संघ लोकसेवा आयोग यानि यूपीएससी के जरिए आईएएस की नौकरी हासिल किए जाने की दखल लेते हुए केंद्र सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग यानि डीओपीटी के सचिव ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर डॉ. ओंबासे के सभी दस्तावेजों की पडताल कर इससे संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है.
जानकारी के मुताबिक नॉन क्रिमिलेअर संवर्ग में नहीं रहने के बावजूद डॉ. ओंबासे पर अन्य पिछडा संवर्ग से आरक्षण का लाभ लेने का आरोप है. ओबीसी प्रवर्ग से आरक्षण का लाभ लेते समय अभ्यर्थी का नॉन क्रिमिलेअर गुट से रहना आवश्यक है और ऐसे अभ्यर्थियों को ही इस प्रवर्ग से आरक्षण का लाभ मिलता है. परंतु डॉ. ओंबासे के पिता एक महाविद्यालय में प्राध्यापक रहने के बावजूद उन्होंने नॉन क्रिमिलेअर प्रवर्ग का लाभ लिया था. जिसकी शिकायत यूपीएससी से की गई थी. जिसकी दखल लेते हुए डिओपीटी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर डॉ. ओंबासे के जाति प्रमाणपत्र व नॉन क्रिमिलेअर प्रमाणपत्र की पडताल करने का निर्देश जारी किया. जिसके चलते अब डॉ. ओंबासे की दिक्कते बढने की पूरी संभावना है.
ज्ञात रहे कि, डॉ. ओंबासे को यूपीएससी की परीक्षा में आईएएस की श्रेणी प्राप्त करना था. परंतु खुले प्रवर्ग से परीक्षा के कुल 4 मौको में वे यह श्रेणी हासिल नहीं कर पाए. जिसके बाद उन्होंने ओबीसी प्रवर्ग से आवेदन करते हुए नॉन क्रिमिलेअर प्रमाणपत्र के आधार पर दुबारा परीक्षा देते हुए परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आईएएस का पद हासिल किया, ऐसा आरोप लगाया गया है. जिसके चलते अब इस मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है.





