वाघ के बाद अब भालू का कहर, मेलघाट फिर सहमा
मवेशी चराने गए आदिवासी किसान पर किया हमला

* चिखलदरा तहसील के जारीदा रेंज की घटना
चिखलदरा (अमरावती)/दि.5 – मेलघाट क्षेत्र में वन्यजीव हमलों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. बीते छह महीनों में जहां बाघ ने छह लोगों की जान ले ली, वहीं अब भालू ने भी ग्रामीणों पर हमला कर दहशत फैला दी है.
* किसान पर भालू का हमला
चिखलदरा तहसील के जारीदा रेंज अंतर्गत घाना गांव के रहने वाले किसान आजू हिराजी जामुनकर (55) शुक्रवार को अपने खेत में काम कर रहे थे. इसी दौरान झाड़ियों से निकले एक भालू ने अचानक उन पर हमला कर दिया. किसान गंभीर रूप से घायल हो सकते थे, लेकिन खेत में मौजूद गाय-बैल ने साहस दिखाते हुए भालू को खदेड़ दिया. इस तरह जामुनकर की जान बाल-बाल बची.
* ग्रामीणों में भय का माहौल
गांव में इस घटना के बाद भारी दहशत फैल गई है. पहले ही बाघ के हमलों से सहमे आदिवासी अब भालू के आक्रमक व्यवहार से और चिंतित हो गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जंगल से लगे गांवों में रहना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है.
* व्याघ्र प्रकल्प की कार्यप्रणाली पर सवाल
स्थानीय लोगों ने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा आवश्यक है, लेकिन साथ ही आदिवासी और ग्रामीणों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. लगातार हो रहे हमलों के बावजूद वन विभाग और व्याघ्र प्रकल्प की ओर से कोई ठोस पहल नज़र नहीं आ रही है. ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि आखिर उनकी सुरक्षा के लिए सरकार और प्रशासन क्या कदम उठा रहा है?
* वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया. घायल किसान का इलाज किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर गश्त बढ़ाई जाएगी और संभावित खतरनाक क्षेत्रों की पहचान कर सावधानी बरती जाएगी.
* वनविभाग के सामने चुनौती
वन्यजीव संरक्षण जितना ज़रूरी है, उतना ही आवश्यक है कि जंगल से सटे गांवों के लोगों को सुरक्षित माहौल मिले. मेलघाट में बार-बार हो रही घटनाएं प्रशासन के सामने वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के संतुलन की बड़ी चुनौती खड़ी कर रही हैं.





