15 तारीख को कृषि साहित्य विक्रेताओं की हडताल

साथी पोर्टल का विरोध, बंद रहेगी जिले की 1500 दुकानें

* अमरावती में ठप होगा करोडों का कारोबार
* खरीफ की फसल पर हो सकता असर
अमरावती/ दि. 10- अमरावती जिले के सभी कृषि केन्द्र आगामी 15 सितंबर सोमवार को बंद रखने का ऐलान जिला कृषि सामग्री व्रिकेता संगठन के अध्यक्ष मिलिंद इंगोले ने किया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के साथी पोर्टल के विरोध में यह हडताल की जा रही है. सरकार ने बीजों की विक्री हेतु साथी पोर्टल अनिवार्य किया है. सरकार की एक के बाद एक अनेक पाबंदियां इस बिजनस पर थोपी जा रही है. इसलिए राज्यव्यापी आंदोलन में अमरावती जिला संगठन भी संपूर्ण शक्ति से सहभागी होने की घोषणा इंगोले ने की.
अगला कदम राज्यस्तरीय बैठक में
इंगोले ने बताया कि इसके बाद के आंदोलन की दिशा 17 – 18 सितंबर को होनेवाली राज्यस्तरीय बैठक में निश्चित होगी. अमरावती जिला अध्यक्ष मिलिंद इंगोले ने कहा कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र की प्रत्यक्ष परिस्थिती का विचार न करते हुए यह पोर्टल लागू कर दिया. ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी बिजली और इंटरनेट की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में किसान और कृषी केंद्रधारकों को ऑनलाइन व्यवहार करने मजबूर करना अन्यायकारी है. उन्होंने दावा किया कि सोमवार के आंदोलन में संपूर्ण अमरावती जिले के 1500 से अधिक कृषी केंद्रधारक एक दिल से सहभागी होंगे. यह संघर्ष किसान और कृषी केंद्रधारकों के अस्तित्व का है. अत: सरकार ने फैसला नहीं बदला तो और अधिक कठोर भूमिका ली जायेगी.
इंगोले ने बताया कि मुख्य आक्षेप ग्रामीण क्षेत्र में 70 प्रतिशत कृषी विक्रेताओं के पास कॉम्प्युटर व इंटरनेट की सुविधा नहीं है. बिजली की सतत समस्या रहने से ऑनलाईन व्यवहार ठप्प हो जायेंगे. ब्रिडर बीज व बीजोत्पादन कंपनियों पर सरकार का नियंत्रण नहीं है और कृषि केन्द्रों के साथ बेइंसाफी की जा रही है. छोटे और मध्यम कृषि केन्द्रों की रोटी रोटी खतरे में लाने के साथ तकनीकी खराबी की स्थिति में किसान को जरूरत के समय बीज और खाद उपलब्ध नहीं होगी. जिसका उत्पादन पर बुरा असर पडेगा.
* अमरावती जिले की मांगे
1. साथी पोर्टल तत्काल पीछे लें .
2. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की वास्तविक स्थिति देखकर विद्यमान विक्री पद्धती कायम रखें.
3. किसान व कृषी केंद्रधारको के प्रतिनिधी मंडल बुलाकर
चर्चा के बाद निर्णय लें.
4. अनिश्चितकालीन बंद व सडकों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है.

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