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अरूण वोरा का पता देने वाले को 25 हजार

अकोला पुलिस ने घोषित किया पुरस्कार

* 36 घंटे बाद भी अगवा व्यापारी के बारे में सुराग नहीं
अकोला/ दि. 15- रामदास पेठ थाना क्षेत्र के रॉयली जीन परिसर से सोमवार रात हुए कबाड, खाली शीशी के कारोबारी अरूण मगनलाल वोरा के अपहरण के मामले में पुलिस को 36 घंटे बाद भी ठोस सुराग नहीं लग पाने से यहां के व्यापारी वर्ग में चिंता बढ गई हैं. इस बीच समाचार है कि अकोला जिला पुलिस ने अरूण वोरा के बारे में कोई खबर देनेवाले अथवा सुराग देनेवाले व्यक्ति को 25 हजार रूपए का ईनाम दिया जायेगा. हाल के वर्षो में अकोला पुलिस द्बारा पहली बार ऐसा कोई ईनाम घोषित किया गया है.
उल्लेखनीय है कि अरूण वोरा का सोमवार रात उनके जिन दगडीपुल के पास स्थित गोदाम से घर लौटते समय लोगों के देखते ही देखते सिने स्टाइल अपहरण हो गया. अगवा करनेवाले सफेद रंग की व्हैन में आने की जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को दी थी. जिसके आधार पर पुलिस ने अगवा अरूण वोरा की सरगर्मी से खोजबीन आरंभ की है. यहां वहां पुलिस दल दौडाए गये हैं. एसडीपीओ सतीश कुलकर्णी, थानेदार मनोज बहुरे, थानेदार शंकर शेलके और अन्य अफसर घटनास्थल पहुंचे. इस बारे में अरूण वोरा के भतीजे जिग्नेश प्रवीण वोरा (45, राधेनगर) की शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर तलाश शुरू कर रखी है.
* मोबाइल का डाटा खंगाला
पुलिस ने अरूण वोरा के घटनास्थल पर गिरे मोबाइल हैंड सेट की कॉल डिटेल देखी है. उस आधार पर भी खोजबीन की जा रही हैं. पुलिस ने अपनी पडताल जारी रखते हुए लोगों को भी अरूण वोरा का हुलिया देकर घटना के समय उनके द्बारा पहने गये कपडे आदि का वर्णन जारी किया है. जिसके अनुसार अरूण वोरा ने उस समय हरे और सफेद रंग के पट्टी वाली टी शर्ट और क्रीम रंग का पेंट पहन रखा था. गोरे वर्ण के अरूण गोरा 5 फुट, 8 इंच उंचे हैं. उनके बारे में जानकारी देनेवालों को पुलिस पुरस्कृत करेगी.
* भतीजे ने दर्ज कराई शिकायत
जिग्नेश की शिकायत के अनुसार चार जीन दगडी पुल के पास उनके कबाड के गोदाम है. जहां बैटरी, डिस्टील वॉटर और खाली शीशियां रखी जाती है. जिग्नेश को गोदाम के मजदूर गणेश चंदन ने फोन कर अरूण वोरा के अपहरण के बारे में बताया. चंदन ने जिग्नेश को बताया कि सफेद रंग की कार में दो तीन लोग अचानक आए. उन्होंने अरूण को जबर्दस्ती गाडी में ठूसा और भाग गये. खबर मिलते ही जिग्नेश तुरंत गोदाम पर पहुंचे.
* दो घंटे तक इंतजार
जिग्नेश की शिकायत मेंं कहा गया कि उनके चाचा अरूण वोरा का यह अपहर्ता दो घंटे तक प्रतीक्षा कर रहे थे. अरूण के गोदाम पहुंचने से पूर्व वहां पहुंचकर यह युवक कार में बैठकर इंतजार कर रहे थे. जैसे ही अरूण वहां आए और उन्होंने अपनी मोपेड स्टैंड पर लगाई. युवकों ने उन्हें घेर लिया और पुरानी कार में जबरन बैठाकर कार दौडा दी. अरूण वोरा बचाओ- बचाओ चिल्लाते रह गये. सब कुछ फिल्मी अंदाज में हुआ. बताते हैं कि वहां मौजूद कुछ लोगों ने अपहरणकर्ताओं का पीछा किया. किंतु वे भाग निकले. अरूण वोरा का मोबाइल हैंडसेट वहां गिरा था.
* पैसों का लेनदेन या कुछ और मामला
घटना को लेकर अभी भी अकोला शहर में तरह- तरह की चर्चा हो रही है. इसलिए कहा जा रहा है कि अरूण वोरा के अपहरण के पीछे पैसे का लेनदेन की वजह है या मामला कुछ और है. पुलिस पडताल में जुटी हैं.

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