जांच में सहयोग करने के नाम पर मांगी 90 हजार की रिश्वत
एक एपीआई सहित तीन लोग चढे एसीबी के हत्थे
अकोला/दि.25 – जालसाजी को लेकर दर्ज अपराध की जांच में सहयोग करने के नाम पर नामजद आरोपी से बालापुर पुलिस थाने के एपीआई द्वारा 90 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई. जिसकी शिकायत मिलने पर एसीबी ने जाल बिछाते हुए रिश्वत स्वीकार करने वाले एपीआई सहित अन्य दो लोगों को रंगे हाथ धर दबोचा. इस कार्रवाई के चलते अकोला पुलिस दल में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त हो गया है.
जानकारी के मुताबिक बालापुर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी रहने वाले पिता-पुत्र के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. जिसकी जांच में सहयोग करने की बात करते हुए बालापुर पुलिस स्टेशन के एपीआई समाधान रिठे के साथ ही दो न्यायालयीन कर्मियों ने आरोपी पिता-पुत्र से डेढ लाख रुपए देने की बात कही तथा बातचीत के बाद 90 हजार रुपए देने की बात पर मामला तय हुआ. जिसके बाद मामले में नामजद रहने वाले आरोपी पिता-पुत्र द्वारा इसकी शिकायत अकोला के भष्ट्राचार प्रतिबंधक विभाग से की गई और एसीबी के दल ने मामले की पडताल करते हुए सोमवार को अपना जाल बिछाया तथा एपीआई समाधान रिठे सहित दीवानी न्यायालय के कनिष्ठ लिपिक गोवर्धन कपले व सदानंद कांबेकर को रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए रंगेहाथ धर दबोचा. जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम की धारा 1988 के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया गया.
यह कार्रवाई एसीबी के पुलिस अधीक्षक मारुती जगताप व अपर पुलिस अधीक्षक अनिल पवार के मार्गदर्शन व पुलिस उपाधीक्षक मिलिंद बहाकर, पुलिस निरीक्षक योगेश दांदे के नेतृत्व में पुलिस कर्मी राहुल इंगले, दिगंबर जाधव, प्रदीप गावंडे, किशोर पवार, संदीप टाले, नीलेश शेगोकार के पथक द्वारा की गई.