रेल प्रशासन की लापरवाही से फिर एक महिला प्रवासी की मौत
पदचारी पुलिया नही होने से कुरम रेल यात्रियों की जान खतरे में ?
* गीतांजली एक्सप्रेस की चपेट में आकर महिला यात्री की दर्दनाक मौत।
* कुरुम रेलवे स्टेशन पर आज घटी घटना।
* बाल बाल बचे तीन रिस्तेदार और एक वकील साहब।
मुर्तीजापुर/ दि.13 – मध्य रेल के भुसावल मंडल में मुर्तीजापुर तहसील अंतर्गत आनेवाले कुरुम रेल स्थानक पर गीतांजली एक्सप्रेस के चपेट में आकर एक महिला प्रवासी की दर्दनाक मौत हो गई. यह घटना आज सुबह 11.30 बजे कुरम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क़रीब घटी.
प्राप्त जानकारी अनुसार अमरावती जिले के ग्राम फुलआमला निवासी कांताबाई संभाजी नाईक उम्र 60 साल अपने कुछ रिस्तेदारो के साथ सूरत गई थी. गांव में किसी रिश्तेदार की मौत होने के कारण सूरत से भुसावल आकर सभी रिस्तेदार के साथ नरखेड़ पैसेंजर पकड़कर कुरम रेलवे स्थानक पर उतरी, परन्तु बीच अप लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी होने से सभी लोग इंजिन के आगे से होकर बाहर निकलते समय अप मेंन लाइन से अचानक हावड़ा-मुम्बई गीतांजली एक्सप्रेस आ गई. जिसमे एक एड़वोकेट सरफराज खान निवासी पूना और मृत्यक महिला के तीन रिस्तेदार बाल बाल बचकर सही सलामत नीकल गये, लेकिन 60 वर्षीय कांताबाई संभाजी नाईक गीतांजली की चपेट में आकर उनकी जगह पर दर्दनाक मौत हो गई. दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि मृत्यक कांताबाई के शरीर के बारीक बारीक टुकड़े बिखर गए. मृत्यक महिला के पीछे दो लड़कियां व एक लड़का है ज्योकि सूरत में करोभार करता है. पती का दो साल पूर्व करोना के चलते मृत्य हो गया था.
बता दे कि मूर्तिजापुर एवं बडनेरा के बीच कुरम रेलवे स्टेशन मेंन स्टेशन माना जाता है. यह स्टेशन छोटा जरूर है पर इस स्टेशन के आस पास कई बड़े छोटे देहात है. जहां आज तक एस. टी. बस तक नही पहुचती. इस कारण सभी देहाती कुरम रेलवे स्टेशन आकर मूर्तिजापुर, अकोला, शेगाव, बडनेरा, अमरावती व नागपुर के लिए प्रवास करते है. और यहां आये दिन रेल प्रवासियों की भीड़ लगी रहती है. अक्सर सवारी गाड़ियों के समय यहां अप और डाउन लाइन पर मालगाड़ियां खड़ी की जाती है. यहां कोई पदचारी पुलिया भी नही है. जहां से सुरक्षित निकला जा सके. जिस कारण महिला व पुरुष प्रवासियों को अपनी जान जोखिम में डालकर मालगाड़ियों के नीचे से होकर गुजरना पड़ता है. से में आज तक यहां एक दर्ज़न के ऊपर रेल प्रवासियों की जान चली गई है.
* रेल कर्मचारी ने बचाई चार रेल यात्रियों की जान
इस घटना के वक्त रेल सिंगल एंड टेलीफोन डिपारमेंट के कर्मचारी कुंदन यादव अप 105 पॉइण्ट स्टार्टर सिंगल के पास काम कर रहे थे. गीतांजली पास आते देख जोरदार दौड़ लगाते हुवे भागो अपनी जान बचाओ सी जोर से आवाज लगाई. आवाज सुनते ही चार रिस्तेदार किसन नाइक, राहुल तायड़े, गीता बाई सभी फुलआमला निवासी व ऐड.सरफराज खान पूना निवासी की जान बच गई परन्तु बूढ़ी माँ की जान नही बचा पाए सा दुःख रेल कर्मचारी कुंदन यादव ने व्यक्त किया.
* पदचारी पुलियां होना आवश्यक
हमारी किस्मत अच्छी थी जो हम चारो मौत के मूसे निकल आये परंतु हमारे साथ बूढ़ी अम्मा की दर्दनाक मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना को कभी भुलाया नही जा सकता. यदि वह रेल कर्मचारी कुंदन यादव नही होता या दौड़ लगाकर जोरो से आवाज नही लगाई होती तो हमारी सब की इसी तरह दर्दनाक मौत पक्की थी।भगवान का अवतार बन कर ही आये थे हमारे लिए कुंदन यादव. मालगाड़ी बीच खड़ी होने से हम सब ने सोचा मालगाड़ी के निचे से न निकलते हुवे सीधा इंजिन के सामने से निकला जाए।पर हमें क्या पता मौत हमारा वहां इन्तेजार कर रही है. मालगाड़ी इंजिन की आवाज में हमे गीतांजली एक्सप्रेस का थोड़ा भी आवाज या हॉर्न सुनाही नही दिया. और ना ही हमने ग्रीन सिंगल की ओर देखा. इस स्टेशन पर कई महिलाएं व वृद्ध यात्री उतरते चढ़ते है. से में मालगाड़ियों का बीच खड़ा होना आये दिन यात्रियों की जान का खतरा में बनते जा रहा है. जिसके लिए रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए पदचारी पुलिया बनाना अति आवश्यक है.
– एड. सरफ़राज़ हामिद खान.
हाई कोर्ट, मुम्बई