कोरोना संकट काल में निजी डॉक्टरों पर कार्रवाई अनुचित
निजी अस्पतालों को भी दी जाए उपचार के लिए अनुमति
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पूर्व पालकमंत्री डॉ. रणजीत पाटिल की मांग
अकोला/प्रतिनिधि दि.२६ – कोरोना महामारी के बढते हुए संक्रमण को देखते हुए जिले में उपचार के लिए अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है ऐसी गंभीर परिस्थिती में निजी डॉक्टर भी मरीजों की सहायता करने के लिए आगे आ रहे है. उन निजी डॉक्टरों पर शासन द्बारा दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है. यह कार्रवाई अनुचित है ऐसा मत जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. रणजीत पाटिल ने व्यक्त किया. डॉ. पाटिल ने जो निजी डॉक्टर कोरोना मरीजों की सहायता कर रहे है उन्हें नियमानुसार उपचार के लिए अनुमति दे ऐसी मांग भी प्रशासन से की है.
अकोला शहर के निजी अस्पतालों पर महानगरपालिका व जिला प्रशासन की ओर से दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है. यह कार्रवाई अनुचित है ऐसा दावा डॉ. रणजीत पाटिल ने किया है. डॉ. पाटिल ने कहा कि एक ओर मरीजों के उपचार करने में शासकीय यंत्रणा अधूरी पड रही है बेड उपलब्ध नहीं होने की वजह से मरीजों को इंतजार करना पड रहा है. बेड की कमी से व उपचार के अभाव में मरीजों की मौत हो रही है ऐसे में कुछ निजी डॉक्टर सहायता के लिए आगे आ रहे है उन्हें प्रोत्साहन देने की बजाय उन पर कार्रवाई की जा रही है. ऐसा आरोप पूर्व पालकमंत्री डॉ. रणजीत पाटिल ने जिला प्रशासन व मनपा प्रशासन पर लगाया.
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शासकीय यंत्रणा अधूरी
कोरोना मरीजों के उपचार हेतु शासकीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे है. किंतु मरीजों की संख्या को देखकर शासकीय यंत्रणा अधूरी पड रही है. जिसमें अब कोरोना मरीजों के उपचार के लिए आगे आ रहे निजी डॉक्टरों को मान्यता दी जाए. जिलाधिकारी व जिला शल्य चिकित्सक प्रतिनिधि एक ही दिन में अस्पतालों की समीक्षा कर निजी अस्पतालों को मान्यता दे ऐसी मांग पूर्व पालकमंत्री डॉ. रणजीत पाटील द्बारा की गई है.