4 साल बाद ‘वह’ महिला मिली अपने परिजनों से
ओडिशा से हुई थी लापता, अकोला में मिला था सहारा
* महिला व बालविकास विभाग के प्रयास रहे सफल
* परिवार से लंबे समय बाद दोबारा हुआ मिलन
अकोला/दि.28 – ओडिशा से 4 वर्ष पहले भटककर अकोला पहुंची एक महिला लंबे समय बाद अब एक बार फिर अपने परिवार से दोबारा मिल पायी है और अपने घर लौटी है. जिसके लिए महिला व बालविकास विभाग द्वारा किये गये प्रयास पूरी तरह से सफल साबित हुए है.
जानकारी के मुताबिक सन 2020 में करीब 35 से 40 वर्ष की आयु वाली एक महिला बोरगांव मंजू पुलिस को सडक पर भटकते मिली थी. जिसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. ऐसे मेें उसे आसरे हेतु अकोला स्थित जागृति महिला राज्यगृह में रखा गया. परंतु इस महिला से संवाद साधते समय भाषा की भी समस्या थी. इस समय महिला राज्यगृह के प्र-अधीक्षक गिरीष पुसदकर ने सबसे पहले उक्त महिला को जिला सामान्य अस्पताल में मानसोपचार विशेषज्ञ के पास स्वास्थ्य जांच व इलाज हेतु भिजवाया तथा उक्त महिला की मानसिक स्थिति में थोडा सुधार होने के बाद चाइल्ड हेल्पलाइन की समन्वयक हर्षाली गजभिये ने उक्त महिला का समुपदेशन करना प्रारंभ किया. जिसके तहत धीरे-धीरे उक्त महिला के बारे में जानकारी हासिल करनी शुरु की गई, तो पता चला कि, उक्त महिला का नाम रमाबाटी है और वह दंडागुडा गांव की रहने वाली है. साथ ही उक्त महिला ने अपने जिले में स्थित एक बडे अस्पताल का नाम भी बताया. ऐसे में उक्त गांव व अस्पताल के नाम को गुगल पर खोजा गया और गूगल के जरिए मिले अस्पताल का फोटो उक्त महिला को दिखाया गया. जिसे उसने पहचान लिया. इस जरिए पता चला कि, उक्त महिला ओडिशा राज्य के नाबारंगपुर जिलांतर्गत दंडागुडा गांव की रहने वाली है. इसके उपरान्त महिला व बालविकास विभाग के अधिकारियों ने तुरंत ही उस जिले के सखी वन स्टॉप सेंटर से संपर्क कर उक्त महिला के फोटो व जानकारी को भेजा. जिसके आधार पर उक्त जिला प्रशासन द्वारा दंडागुडा गांव में रहने वाले संबंधित महिला के परिवार की खोजबीन की गई. जिनके साथ उक्त महिला की वीडियो कॉल के जरिए बातचीत कराई गई. इसके उपरान्त ओडिशा के जिला विधि सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी सहित उक्त महिला के पति अकोला पहुंचे और तमाम प्रक्रिया को पूर्ण करने के उपरान्त अकोला के महिला व बालविकास कार्यालय में उक्त महिला को उसके पति के सुपुर्द कर दिया. जिसके चलते करीब 4 साल के बाद उक्त महिला अपने घर-परिवार में वापिस पहुंची.
* परिवार ने मान लिया था मृत
विशेष उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2020 में अपने घर से लापता हुई उक्त महिला की उसके परिजनों ने इस दौरान लंबे समय तक खोजबीन की और जब उसका कही कोई अता-पता नहीं चला, तो परिवार के लोगों ने उसे मृत मानकर मृत्यु पश्चात की जाने वाली तमाम विधियां भी पूरी कर दी थी. लेकिन अब 4 वर्ष बाद परिवार को पता चला कि, उक्त महिला जीवित है और विगत 4 वर्षों से अकोला के महिला राज्यगृह में रह रही थी, यह जानकारी मिलते ही संबंधित परिवार की खुशियों का ठीकाना न रहा और उक्त महिला के पति ने अकोला आकर अपनी पत्नी को अपने साथ लिया. जिसे लेकर वे ओडिशा के लिए रवाना हुए.