अकोला

एक इंस्टा पोस्ट से धधका अकोला

दंगे में एक की मौत, 10 से अधिक घायल

* तनाव पूर्ण रही शनिवार की रात
* जगह जगह पत्थरबाजी व आगजनी
* कई स्थानों पर दो समुदायों के लोग भीडे
* कई वाहनों को किया गया आग के हवाले
* पुलिस ने हालात नियंत्रित करने चलाई रबर की गोलियां
* शहर के चार इलाकों में लगाया गया कर्फ्यू, लगातार पुलिस की गश्त जारी
अकोला/दि.15- सोशल मीडिया पर शेअर की गई एक पोस्ट की वजह से विगत शनिवार की रात अकोला शहर जातीय हिंसा की आग में धधक उठा. इस पोस्ट की वजह से दो समुदायों के लोग उस समय आमने सामने होकर भीड गए, जब उस पोस्ट से आहत एक समुदाय के लोगों ने शहर के रामदास पेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के साथही वहां से वापस लौटते समय सडक किनारे खडे दुपहिया वाहनों की तोडफोड करने साथ ही दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थलों पर पत्थरबाजी करनी शुरु की, तो दूसरे समुदाय के लोग भी प्रतिकार करने सडक पर उतर आए. इसकी वजह से देखते ही देखते पूरे शहर में दंगा सदृश्य स्थिति बन गई और कई स्थानों पर बलवा होकर दो समुदायों के लोगों के बीच हिंसक झडपें भी हुई. इसकी चपेट में आकर विलास गायकवाड नामक एक व्यक्ति की मौत हुई, वहीं 10 से अधिक लोग घायल हुए. इस हिंसा और उत्पात की जानकारी मिलते ही अकोला शहर के सभी पुलिस थाने एक्टीव मोड में आ गए. और शहर के विभिन्न इलाकों में हालात के नियंत्रित करने पुलिस बल तैनात किया गया, जिससे संतप्त लोगों की भीड को तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग के तहत लाठीचार्ज करने के साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे, साथ ही कुछ स्थानों पर रबरी गोलियों का प्रयोग करते हुए फायरिंग भी की गई. इसके साथ ही शहर के चार पुलिस थाना क्षेत्र में तुरंत प्रभाव से कर्फ्यू लागू कर दिया गया. इस घटना के चलते शनिवार की रात और रविवार का पूरा दिन अकोला वासी के लिए बेहद तनावपूर्ण रहा, वहीं आज सोमवार को स्थिति काफी हद तक शांत होती दिखाई दी, हालांकि, शहर के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में अब भी कर्फ्यू जारी है, साथ ही पुलिस द्वारा लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें व अफवाहें नहीं फैलाने का आह्वान किया गया है. इसके अलावा पुलिस की सायबर सेल द्वारा सोशल मीडिया पर शेअर की जा रहीं तमाम पोस्ट पर भी सूक्ष्म नजर रखी जा रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की रात किसी व्यक्ति ने सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर समुदाय विशेष की धार्मिक भावना को आहत करने वाली एक पोस्ट शेअर की. जिसकी जानकारी मिलते ही संबंधित समुदाय के सैकडों लोग रामदास पेठ पुलिस थाने पर जा धमके. तथा उक्त पोस्ट शेअर करने वाले व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने सभी संतप्त लोगों को समझाबुझाकर शांत करने का प्रयास किया. और आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया गया, जिसके बाद थाने पर इकठ्ठा होने वाले सभी लोग वहां से चले गए, लेकिन कुछ देर बाद पुराना शहर के कुछ क्षेत्रों में तनाव वाली स्थिति बननी शुरु हुई और पुराना शहर पुलिस थाने के सामने कई युवाओं ने अचानक इकठ्ठा होकर जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करनाशुरु कर दिया. इस भीड को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पडी. वहीं जिस समय तक संतप्त युवकों की भीड ने सडक किनारे खडे वाहनों के साथ तोडफोड करते हुए कई वाहनों को आग लगा दी. धारदार हथियारों से लैस यह भीड जोरदार पत्थरबाजी करते हुए बेकसूर लोगों को अपना निशाना बना रही थी. इसी समय अपनी ड्यूटी से काम खत्म कर घर वापिस लौट रहा विशाल गायकवाड नामक व्यक्ति इस भीड के शिकंजे में फंस गया, जिसकी प्राणघातक हमले में मौत हो गई, वहीं पत्थरबाजी व मारपीट में अन्य करीब 10 लोग बुरी तरह से घायल हो गए.
पुराना शहर पुलिस को जैसे ही अक्कलकोट व हरिहर पेठ में उत्पाती भीड द्वारा की जाने वाली तोडफोड और आगजनी की जानकारी मिली, तो पुलिस ने तुरंत ही हालात को संभालने का प्रयास किया. जिसके तहत पहले तो सभी लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो पुलिस ने एक्शन में आते हुए लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोलों का प्रयोग करने के साथ ही भीड की ओर रबर की गोलियां भी चलाई. साथ ही साथ भीड द्वारा आग के हवाले किए गए वाहनों में लगी आग को बुझाने के लिए तुरंत दमकल दस्ते को बुलाया गया. साथ ही तत्काल प्रभाव से अकोला शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया.
* उत्पातियों की धरपकड शुरु
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिए जाने के बाद थाने पहुंचे सभी लोग अपने अपने घर के लिए रवाना हुए थे, लेकिन इस भीड में शामिल कुछ असामाजिक तत्व ने कानून व व्यवस्था की स्थिति को बिगाडने के लिए पत्थरबाजी व आगजनी की घटना को अंजाम दिया. संभवत: ऐसे लोगों का इरादा पूरे शहर में माहौल बिगाडने का था, लेकिन पुलिस की तत्परता के चलते हालात पर तुरंत काबू पाया गया. इसके साथ ही पुलिस ने तुरंत शहर में अलग-अलग स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फूटेज भी खंगाले, जिसके आधार पर 30 से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करनी शुरु की गई. साथ ही सीसीटीवी फूटेज में दिखाई दे रहे अन्य आरोपियों की शिनाख्त करते हुए उनकी भी धरपकड करने का प्रयास किया जा रहा है.
* जनप्रतिनिधियों व जिलाधीश ने लिया जायजा
अकोला शहर में हुई जातीय हिंसा की जानकारी मिलते ही पूर्व विधानसभा क्षेत्र के विधायक रणधीर सावरकर, पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक गोवर्धन शर्मा, तथा बालापुर के विधायक नितीन देशमुख एवं जिलाधीश नीमा अरोरा सहित कई राजनीतिक दलों के प्रमुख पदाधिकारियों ने दंगा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया. तथा लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील करते हुए दंगे लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं दंगा प्रभावित लोगों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.
* डिप्टी सीएम व पालकमंत्री फडणवीस ने दिए जांच व कार्रवाई के आदेश
वहीं अकोला में हुई हिंसक घटना की जानकारी मिलते ही राज्य के उपमुख्यमंत्री व अकोला के जिला पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत ही जिलाधिकारी व जिला पुलिस अधीक्षक से फोन पर चर्चा करते हुए इस मामले में त्वरीत जांच व कार्रवाई के आदेश जारी किए. साथ ही उन्होंने ग्राम विकास व वैद्यकीय शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन को तत्काल अकोला जाकर दंगा पीडित व प्रभावित परिवारों से मुलाकात करने हेतु कहा.
* मृतक विलास के परिजनों को 5.51 लाख की आर्थिक सहायता घोषित
इस बीच पुराना शहर इलाके में हुए दंगे की वजह से मारे गए हरिहर पेठ निवासी विलास गायकवाड नामक इलेक्ट्रिशियन के परिजनों से स्थानीय जनप्रतिनिधि व हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने भेंट करते हुए गायकवाड परिवार के सदस्यों का ढाढस बंधाया. इस समय मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से चार लाख रुपए, भाजपा के प्रदेश सचिव व विधायक रणधीर सावरकर की ओर से 1 लाख रुपए तथा विधायक गोवर्धन शर्मा द्वारा संचालित श्रीरामनवमी शोभायात्रा समिति की ओर से 51 हजार रुपए, ऐसे कुल 5.51 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की गई. पता चला है कि, शनिवार की रात हुए दंगे से विलास गायकवाड का कोई लेना देना नहीं था, बल्कि वह रोजाना की तरह अपने काम से घर लौट रहा था, लेकिन इसी दौरान वह संतप्त भीड द्वारा की जा रही हिंसा की चपेट आ गया. जिसकी वजह उसकी मौत हो गई. पश्चात पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए रविवार की शाम 5 बजे विलास के पार्थिव पर कडे पुलिस बंदोबस्त के बीच पुराना शहर श्मशानभूमि में अंतिम संस्कार किया गया.
* दंगे में महिला पुलिस कर्मी भी घायल, पुलिस वैन के शीशे भी टूटे
शनिवार की रात हुई पत्थरबाजी की वजह से घायल हुए लोगों में एक महिला पुलिस कर्मचारी का भी समावेश है, साथ ही दंगाईयों ने पुलिस वैन और दमकल वाहन के भी शीशे तोड दिए. इसके अलावा कई इलाकों में वाहनों को आग के हवाले करने के साथ ही कुछ धार्मिक स्थलों पर भी जमकर पथराव किया. ऐसे में रविवार की सुबह कई स्थानों पर सडक किनारे जले हुए वाहनों के अवशेष और सडकों पर हर ओर ईंट और पत्थर दिखाई दे रहे थे.
* चार पुलिस थाना क्षेत्र में लगाया गया कर्फ्यू
तेजी से बिगड रहे हालात और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधीश नीमा अरोरा ने तुरंत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए पुराना शहर पुलिस स्टेशन, डाबकी रोड पुलिस स्टेशन, सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन व रामदास पेठ पुलिस स्टेशन कार्यक्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया , साथ ही इंटरनेट सेवाओं पर भी संचारबंदी लगाने का निर्णय लिया, ताकि सोशन मीडिया के जरिए अफवाहें ना फैले.

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