अकोला

बैलगाडी में रोलिंग सपोर्ट का ‘वह’ संशोधन अकोला का है!

बोरगांव मंजू के शिक्षक विजय पजई का दावा

अकोला/ दि.15 – इस्लामपुर के राजाराव बापू इंस्टीट्युट ऑफ टेक्नालॉजी में अभियांत्रिकी के विद्यार्थी ने बैलों की गर्दन व कांधे का बोझ कम करने के लिए बैलगाडी के लिए रोलिंग सपोर्ट बनाया है. यह संकल्पना व संशोधन उस इस्लापुर के विद्यार्थी का नहीं बल्कि मेरा है, ऐसा दावा अकोला जिले के बोरगांव मंजू निवासी विज्ञान शिक्षक विजय पजई ने गुरुवार को किया.
पजई ने वर्षभर पूर्व जनवरी 2022 में संशोधन कर आधुनिक बैलगाडी तैयार की थी. इसकी खबर 18 फरवरी 2022 को अखबारों में प्रकाशित हुई थी. 60 प्रतिशत किसान आज भी बैलगाडी पर निर्भर है. खेतमाल लाने- लेजाने के लिए बैलगाडी का उपयोग किया जाता है. बैलों के कांधे और गर्दन पर भारी बोझा लादा जाता है. यह बोझा बैल बर्दाश्त नहीं कर पाते, इसके कारण कई बार दुर्घटना होती है. बैलों की गर्दन पर फांसी जैसा लगाया जाता है. बैलों के कांधे का 75 प्रतिशत बोझ कम करने की दृष्टि से विजय पजई का एक वर्षभर से संशोधन शुरु था. इस संशोधन से उन्होंने बैलगाडी के जुअर याने दोनों बैलों के बीच स्कूटर का चक्का लगाकर व उसमें शॉकअप लगाकर जू के नीचे रोलिंग सपोर्ट दिया और उसका बैलगाडी पर प्रयोग भी किया.
मेरे संशोधन की कॉपी की
इस्लामपुर के राजाराम बापू इंस्टीट्युट ऑफ टेक्नालॉजी के विद्यार्थी ने बैलगाडी के लिए बनाए रोलिंग सपोर्ट यह मेरा संशोधन है. इस बारे में खबर भी प्रकाशित हुई थी. इसी तरह सोशल मीडिया, फेसबुक पर भी इसका वीडियो प्रसारित किये थे. उस संशोधन का विद्यार्थी ने कॉपी किया है. पेटंट के लिए केंद्र शासन के पेटंट विभाग की ओर आवेदन भी किया था, मगर उन्होंने कुछ दुरुस्ती, सूचना की थी. जिसके कारण पेटंट नहीं मिल पाया.
विजय पजई, विज्ञान शिक्षक, परशुराम नाईक विद्यालय, बोरगांव मंजू

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