अकोला/दि.31 – आषाढी एकादशी के अवसर पर पालकी यात्रा को अनुमति दी जाए ऐसी मांग विश्व वारकी सेना द्बारा की गई है. आषाढी एकादशी पर जिले की तहसीलों से नौ पालकियां हर साल पंढरपुर के लिए रवाना होती है.
ज्ञात रहे कि, कोरोना की पर्श्वभूमि पर पिछले साल भी पंढरपुर में आषाढी एकादशी व कार्तिक एकादशी पर यात्रा पर शासन द्बारा पाबंदी लगा दी गई थी. पिछले साल सभी वारकरी सम्प्रदाय द्बारा सरकार को सहकार्य किया गया था. सरकार द्बारा दिए गए आदेशों के अनुसार वारकरियों ने सैकडों वर्ष की परंपरा को खंडित किया था और पालकी का प्रतिनिधि स्वरुप में आयोजन किया था. किंतु इस साल परिस्थिती अलग है पालकी समारोह में 500 वारकरियों को शामिल होने की अनुमति दी जाए ऐसी मांग विश्व वारकरी सेना द्बारा की गई है.
विश्व वारकरी सेना द्बारा कहा गया है कि, विदर्भ, खानदेश, मराठवाडा, पश्चिम महाराष्ट्र सहित कर्नाटक से भी लगभग 400 पालकियों का आगमन आषाढी एकादशी के असवसर पर पंढरपुर में होता है. पिछले एक साल से पारंपरिक पालकी समारोह बंद है. इस साल पालकी समारोह में शामिल होने की अनुमति दी जाए ऐसी मांग विश्व वारकरी सेना द्बारा राज्य सरकार से की गई अन्यथा तीव्र आंदोलन छेडने की भी चेतावनी वारकरी सेना के संस्थापक अध्यक्ष गणेश महाराज ने दी.