अकोला

किसानों से ऊर्जादाता बनने की अपील

केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी का संदेश

* डॉ. पंदेकृवि का दीक्षांत समारोह हुआ
अकोला/दि.9- अब गाड़ियों में विदर्भ में तैयार किया गया बायो इथेनॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है. कुएं में पानी के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन तैयार कर 70 रुपए प्रतिकिलो बिक्री हो सकती है. इसका अधिक मात्रा में इस्तेमाल किए जाने से कोई भी पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल नहीं करेगा. आगामी पांच वर्ष में देश का पेट्रोल हद्दपार होग, अब गेहूं, चावल, मक्का लगाकर कोई भविष्य नहीं बदल सकता. इसलिए किसानों को अन्नदाता नहीं, ऊर्जा दाता बनने की आवश्यकता होेने की आवश्यकता होने की बात केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कही.
डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ का 36 वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को यहां पर हुआ. इस समय प्रमुख अतिथि के रुप में वे बोल रहे थे. राज्यपाल व विद्यापीठ के कुलपती भगतसिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के रुप में पद्मश्री डॉ. मोतीलाल मदान, कुलगुरु डॉ. विलास भाले, कुलसचिव डॉ. सुरेन्द्र कालबांडे उपस्थित थे. इस समय गडकरी ने कहा कि इथेनॉल के एक निर्णय से देश के 20 हजार करोड़ की बचत हुई. आगामी काल में दुपहिया, चारपहिया गाड़ियां ग्रीन हाइड्रोजन, इथेनॉल, सीएनजी पर होगी. विदर्भ का कपास बांग्लादेश में निर्यात करने की योजना बनाये जाने के साथ ही इसके लिए विद्यापीठ का सहयोग आवश्यक है. विदर्भ के किसानों की आत्महत्या पूरी तरह से रोकने के लिए विद्यापीठ द्वारा काफी सहयोग किया जा सकता है. जिसके चलते लोगों को नौकरी मांगने वाला नहीं तो नौकरी देने वाला बनना चाहिए. इस समय सभी विभाग के अधिष्ठाता, कार्यकारी परिषद के सभासद आदि उपस्थित थे.
* … तो विदर्भ का किसान भी फसल का निर्यात कर सकते हैं
मुंबई समान भरपूर आर्थिक राजधानी वाले राज्य में किसान आत्महत्या करते हैं. यह चिंता का विषय है, इसके लिए नौकरी करने की बजाय खेती के विकास को प्रधानता देने की आवश्यकता है. जलगांव के किसान फसल का निर्यात कर सकते हैं, फिर विदर्भ के किसान क्यों नहीं कर सकते? निर्यात करने वाली खेती फसलों की दिशा से काम करने की आवश्यकता होने का प्रतिपादन राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने किया.

डॉक्टर ऑफ साइन्स पदवीं से सम्मानित
कृषि विद्यापीठ की ओर के केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को डॉक्टर ऑफ साइन्स उपाधि से सम्मानित किया गया. इस समय गडकरी ने यह उपाधि स्वीकारते समय मन में संभ्रम होने की बात कही, लेकिन कुलगुरु ने कार्यकारी परिषद का निर्णय बताया, उस समय इस निमित्त सम्मान व ऋण व्यक्त करने के लिए कार्यक्रम में सहभागी होने की बात उन्होंने कही.

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