अकोला

कांग्रेस व राष्ट्रवादी भाजपा की “बी” टीम

प्रकाश आंबेडकर ने दागी तोफ

अकोला प्रतिनिधि/दि.27 – किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए केंद्र के मोदी सरकार की आलोचना करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने जबर्दस्त हल्लाबोल किया है. किसानों को समर्थन देना और केंद्र की मोदी सरकार पर आलोचना करना यह राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी की नौटंकी रहने की बात आंबेडकर ने कही. मैं पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भारतीय जनता पार्टी को दोष नहीं देता, वह तो दोषी है ही किंतु इन सभी की शुरुआत वर्ष 2006 में राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस ने ही की, ऐसा कहते हुए इन दो दलों ने कंत्राटी खेती का कानून कर किसानों की यह स्थिति करने का आरोप आंबेडकर ने किया है.
किसानों का शुरु रहने वाला यह आंदोलन केवल खेती माल को निर्धारित मूल्य मिलना चाहिए इसकारण नहीं बल्कि यह देश की फोर्स सिक्युरिटा का मुद्दा इस आंदोलन व्दारा उन्होंने उपस्थित किया है, ऐसा आंबेडकर ने कहा. इस आंदोलन से दारिद्य रेखा में जीने वाले व्यक्ति के जीने का प्रश्न उपस्थित किया है. मैं पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व भारतीय जनता पार्टी को दोष देना नहीं चाहता, वे दोषी नहीं है ऐसा नहीं, वे तो दोषी है ही, लेकिन इसकी शुरुआत राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2006 में की है. उन्होंने कंत्राटी खेती का कानून कर इसकी शुरुआत की है. जिससे राष्ट्रवादी व कांग्रेस ने इसका जवाब देना चाहिए, इस तरह का आह्वान करते हुए आपकी नौटंकी किसलिए शुरु है, इस तरह का प्रश्न भी प्रकाश आंबेडकर ने कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस से किया है. यह कानून मूलत: कांग्रेस का ही है. एक ओर केंद्र ने आप का ही कानून लाया है, आपकी ही भूमिका केंद्र अमल में ला रही है फिर आप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की क्या बी टीम नहीं है? यह आंदोलन को दबाने का प्रयास तो नहीं है? आप महाराष्ट्र का कानून रद्द क्यों नहीं करते, ऐसे एक के बाद एक प्रश्न उपस्थित करते हुए इसका अर्थ भाजप ने लाये हुए केंद्र के कानून का आपका विरोध नहीं, ऐसा होता है. यह कहते हुए आंबेडकर ने कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को घेरने का प्रयास किया है. आंबेडकर ने कहा कि केवल नौटंकी और तमाशा कर आप कानून का विरोध कर रहे है. जो पार्टी किसानों के पक्ष में है, उन्हीं दलों के पीछे लोगों ने खडे रहना चाहिए. जाति के नाम पर खडे रहे तो यहां का किसान उध्वस्त होगा, इसके साथ ही दारिद्य रेषा में जीने वाला व्यक्ति भी उध्वस्त होगा, इसकी दक्षता सभी ने बरतनी चाहिए.

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