अकोला

बिसेन के 6 हत्यारे बाईज्जत बरी

अकोट फेैल का बहुचर्चित हत्याकांड

अकोला- दि.21  अकोला जिला सत्र न्यायालय ने 5 जुलाई 2015 को अकोट फैल में हुये बहुचर्चित प्रकाश बिसेन हत्याकांड पर गुरुवार को अपना महत्वपूर्ण फैसला दिया. अदालत ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुख्यात अब्दुल सलाम खान अब्दुल करीम खान समेत सभी 6 आरोपियों को हत्याकांड के आरोप से निर्दोष बरी किया. मुख्य आरोपी अब्दुल सलाम खान की ओर से एड. परवेज खान ने सफल पैरवी की. बरी किये गये आरोपियों में कुख्यात अ. सलाम खान के अलावा शेख इलियास शेख छोटू विजेंद्र मोलचंद कुरील, शेख कयुम शेख करीम, मोहम्मद रिजवान मोहम्मद सलीम, शेख महमूद शेख महबूब का समावेश है,
दोषारोपपत्र के अनुसार फरियादी यह दिलीप बिसेन, मृतक प्रकाश बिसेन व रामसिंह बिसेन के खेत में पिछले 10 वर्ष से मजदूरी का काम करते थे. अकोला-अकोट रोड पर कानडी शिवार में मृतक प्रकाश बिसेन के एक एकड़ खेत पर आरोपी इलियास व सलीम खान ने जबरन कब्जा करने का प्रयास शुरू किया था. आरोपी इलियास ने इस खेत में अनाधिकृत रूप से झोपड़ी भी बनाई थी. आरोपी इलियास व सलाम खान वहां गुंडों को बिठाते थे. जिसके कारण खेत मालिक प्रकाश बिसेन सूचना आरोपी सलाम खान करीम खान, इलियास, रिजवान व वीजू ने खेत मालिक प्रकाश बिसेन को धमकाया था कि 10 लाख रुपए दे नहीं तो तेरे 28 एकड़ खेत में कब्जा कर लेंगे. प्रकाश बिसेन कर दिया. 5 जुलाई बहुचर्चित 2015 को शाम 5 खेत में कुर्सी डालकर बैठे थे. उसी फोरविलर आ पहुंची.
* फोरविलर से उड़ाकर मारा
इस फोरविलर वाहन ने प्रकाश बिसेन को जबरदस्त टक्कर मारी जिसके कारण प्रकाश बिसेन पेड़ और गाड़ी के बीच फंस गये. उसी के खिलाफ थे. वर्ष 2003 से समय फोरविलर चला रहे आरोपी सलाम खान व सामने की सीट पर बैठे इलियास तथा पिछली सीट पर बैठे आरोपी वीजू नीचे उतरे उन्होंने प्रकाश बिसेन को पेड़ व फोरविलर के बीच से निकाल कर साइड में धकेल दिया. यह देखकर फरियादी खेत में भाग गया. जिसके बाद आरोपी सलाम खान, इलियास व वीजू गाड़ी लेकर फरार हो गये. जिसके बाद प्रकाश बिसेन के मित्र मुजफ्फर खान को इस घटना की सूचना दी गई. आरोपियों व्दारा कई दिनों से प्रकाश बिसेन के खेत पर कब्जा कर धमकी देते हुए 10 लाख रुपए फिरौती मांग रहा था, लेकिन इंकार करने पर आरोपियों ने साजिश रचकर प्रकाश बिसेन को गाडी से उडा दिया. इलाज के दौरान प्रकाश बिसेन की मौत हो गई.
जिसकी शिकायत के आधार पर अकोटफैल पुलिस ने हत्या का आरोप दर्ज किया. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से कुल 26 गवाहों की जांच की गई. घटना का प्रत्यक्षदर्शी भी था. मृतक ने मृत्यूपूर्व बयान भी दिया था. जिसके आधार पर आरोपियों गवाई दी गई. परिस्थिति जन्य सबूत भी आरोपियों के खिलाफ थे. वर्ष 2003 से आरोपियों पर अपराध दर्ज थे. नियमानुसार शासन से आरोपियों के खिलाफ मकोका लगाने की भी अनुमति मांगी गई. जिस गवाह ने घायल प्रकाश बिसेन को उठाकर लाया. आरोपी को घटनास्थल से गाडी में बैठकर भागते हुए देखा. किस तरह प्रकाश बिसेन की हत्या की गई, यह पूरी जानकारी अदालत को दी गई. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए सरकारी वकील ने जोरदार दलीले पेश की. आरोपियों को कठोर सजा दिलाने की मांग की. बचाव पक्ष की ओर से एड. परवेज एम. खान ने पैरवी की. उन्होंने कोर्ट में कहा कि आरोपियों के खिलाफ एक भी सबूत सिद्ध नहीं हो पाया है. प्रत्यक्षदर्शी गवाहदारों पर दबाव डालकर गवाही देने के लिए कहा गया है. इसका सबूत भी जांच के लिए प्रस्तुत किया. एड. परवेज खान ने कोर्ट को बताया कि सभी गवाह एक दूसरे से भी विसंगत गवाही दे रहे हैं. डॉक्टरों की गवाही भी प्रत्यक्षदर्शी गवाहदारों से मेल नहीं खा रही है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 22 न्याय निर्णय प्रस्तुत किये. सरकार इस मामले में सरकारी पक्ष की द्वारा मकोका लगाने की मान्यता भी कानूनी नहीं होने का दावा किया.
जिसके बाद आरोपी इलियास की ओर से एड. दिलावर खान ने पैरवी की. आरोपी रिजवान खान व आरोपी विजेंद्र कुरील की ओर से एड. मुन्ना खान ने पैरवी की. जबकि आरोपी कयुम की ओर से एड.युसुफ नौरंगाबादी ने केस लड़ा. बचाव पक्ष की दलीलों को ग्राहय मानकर जिला सत्र न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपियों को निर्दोष बरी किया. एड. परवेज खान ने मुख्य आरोपी अब्दुल सलाम अब्दुल करीम का पक्ष एड. अनिल जयस्वाल, एड. वसीम शेख, एड. सचिन बाखडे, एड. शहजाद शेख, एड.रियाज रुलानी, एड. अजहर नवाज ने एड. परवेज खान का सहयोग किया.

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