सगी बहन के साथ भाई ने किया विश्वासघात
पिता का एकमात्र वारिस दर्शाकर करोड़ो की संपति पत्नी व बच्चों ने नाम पर किया
अकोला/दि.17– भाई व भाभी ने पिता की पैतृक संपति का एकमात्र वारिस दर्शाकर तीन संपति में स्वयं व अन्य संपति में बनावटी व खोटा अधिकार छोड पत्र तैयार कर संपति नाम पर कर कुछ संपति बेच दी थी. यह जानकारी मिलने पर शिकायतकर्ता आरोपी की बहन ने सभी दस्तावेजों के साथ माना पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
माना पुलिस ने शिकायत व जांच के पश्चात दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 419 420 465 467, 468, 471 धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया. पुलिस निरीक्षक के मार्गदर्शन में दल घटना की जांच करने में जुट गए है. आगामी दिनों में इस धोखाधडी में और भी आरोपी बढ़ने की संभावना सूत्रों ने व्यक्त की है.
* क्या था मामला
पुराना शहर के दहीहांडा वेस निवासी 55 वर्षीय अफरोज जहां अयाज अहेमद ने माना पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि मेरे पिता अब्दुल रफीक हाजी मोहम्मद हनीफ के एक बेटा तथा चार बेटिया हैं. पिता की कुरुम परिसर में पैतृक संपति है पिता व मां की मृत्यु हो जाने पश्चात संपति में अधिकार देने की बात भाई अब्दुल इरशाद अब्दुल रफीक ने मौखिक रूप से कहीं था. इस बीच आरोपी ने अधिकार छोड का फर्जी पत्र तैयार कर संपति स्वयं तथा पत्नी आसिया बानो अब्दुल इरशाद के नाम पर कर ली.
* इन संपतियों को करवाया नाम
आरोपी अब्दुल इरशाद अब्दुल रफीक ने पिता की मौजे कुरुम में रिथत शीट क्रमांक 5 के प्लाट न 670, 697, 700 की पैतृक संपति सवयं के नाम पर, व अब्दुल इरशाद व आसिया बानो अब्दुल इरशाद के नाम पर मूर्तिजापुर के नवसाल में गट क्रमांक 218 में रिथत क्षेत्रफल 4 हेक्टेयर 85 आर व गुट क्रमांक नवसाल के 3 हेक्टेयर व 4 आर व गट क्रमांक 581 मौजे कुरुम 2 में 3 हेक्टेयर 7 आर खेत भी 16 जून 2008 में अधिकार छोड का फर्जी पत्र तैयार 7/12 में पंजीयन करवा लिया. इसी के साथ गट क्रमांक 218 व गट क्रमांक 220 के खेत का अधिकार छोड का पत्र न दिए जाने तथा फर्जी हस्ताक्षर कर स्वयं की पत्नी वदो बच्चो के नाम पर कर लिया. इसके साथ कुछ संपति बेचकर रकम हड़प ली.
* आरटीआई से जुटाए सबूत
भाई व भाभी द्वारा किए गए फर्जीवाडे की जानकारी मिलने पर अफरोज जहां ने सबूत जुटाने के लिए आरटीआई लगाई थी. सूचना अधिकार, राजस्व विभाग, उपनिबंधक कार्यालय तहसील कार्यालय से जानकारी मिली कि भाई अब्दुल इरशाद ने माता पिता की इकलौती संतान होने का प्रतिज्ञालेख देकर कुछ संपति नाम पर करवाई थी साथ ही कुछ संपातियों में अधिकार छोड का फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर संपति सवयं व पत्नी व दो बच्चों के नाम पर कर ली थी.