अर्ज दाखिल करने के लिए बचे सिर्फ तीन दिन
अकोला/दि.02– चुनाव जाहिर होने के पूर्व ही वंचित बहूजन आघाडी के अध्यक्ष एड. प्रकाश आंबेडकर ने अकोला लोकसभा चुनाव क्षेत्र चुनाव लडने की घोषणा की. भाजपा ने सांसद संजय धोत्रे के पुत्र अनुप धोत्रे को उम्मीदवारी की घोषणा की. मगर उम्मीदवारी भरने के लिए सिर्फ तीन दिन बचने के बाद भी महाविकास आघाडी के उम्मीदवार का पेंच अभी तक कायम है. पक्ष की ओर से उम्मीदवार के नाम पर एकमत न होने से कार्यकर्ताओं में संभ्रम फैला हुआ है.
अकोला लोकसभा चुनाव क्षेत्र में 2019 के चुनाव में कॉग्रेस ने हिदायत पटेल ने उम्मीदवारी देकर दो लाख से ज्यादा अधिक वोट हासिल किया था. इस चुनाव क्षेत्र में प्रत्येक समय कॉग्रेस व वंचित में मत विभाजन होकर भाजपा विजय हुई थी. पिछले चार चुनाव में यही अनुभव होने से वंचित बहुजन आघाडी व महाविकास आघाडी एकत्र लडेगी. ऐसा माना जा रहा है. वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष एड. आंबेडकर महाविकास आघाडी के साथ आने की भी चर्चा थी. तीन-चार बैठक के बाद भी इसका हल न निकलने के बाद आखिर में 28 मार्च को महाविकास आघाडी ने अफने 9उम्मीदवारों की सूची जाहिर की. प्रकाश आंबेडकर ने भी अपने संकेत दिए. जिसके बाद अकोला की जगह पर उम्मीदवारी छोड अन्य स्थानों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की गई.ऐसी अपेक्षा भी थी. मगर अभी तक उम्मीदवारी पर सिक्का नहीं लगा है. वर्तमान में डॉ. अभय पाटील के नाम पर कॉग्रेस की ओर से निश्चित माना जा रहा है. उन्होनें प्रचार की भी शुरूआत की है. सभा व बैठक के माध्यम से वातावरण निर्माण कर रहे है. फिर भी सूची की ओर कार्यकर्ताओं का ध्यान लगा हुआ है.
ठाकरे गट ने छोडी जगह
महाविकास आघाडी के घटक दल होने से शिवसेना उध्दव बालासाहेब ठाकरे पक्ष ने अकोला लोकसभा चुनाव क्षेत्र की ओर अपना दावा छोड दिया है. चुनाव क्षेत्र की ओर शिवसेना व कॉग्रेस में होने वाली रस्सा खीच रुक गई है. इस चुनाव क्षेत्र से कॉग्रेस अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. उम्मीदवारी की आस लिए दो वर्षो से डॉ. अभय पाटील चुनाव क्षेत्र में काम कर रहे है. पिछले चुनाव में शिवसेना व भाजपा के साथ थे. सांसद संजय धोत्रे के मताधिकार में शिवसेना के वोट अधिक बंट गए थे. इस चुनाव में शिवसेना उध्दव बालासाहेब ठाकरे पक्ष महाविकास आघाडी के रुप में कॉग्रेस के साथ है. वे एक की ताकत रोकने के लिए प्रयत्न कर रहे है.
मराठा समाज का भूमिका की ओर लक्ष्य
एड. आंबेडकर ने मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटील को पहले टप्पे में उम्मीदवार को समर्थन होने की बात कही थी. जिस पर ध्यान देते हुए अकोला लोकसभा चुनाव क्षेत्र मराठा मतों का विभाजन होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. मराठा आरक्षण आंदोलन के निमित्त अकोला में समाज एकत्र हो रहा है. यह समाज चुनाव में किसे समर्थन देता है. इस पर विजय का गणित ठहर सकता है. इस चुनाव क्षेत्र में कुनबी पाटील समाज के मतों का गणित विजय के लिए उम्मदेराव के लिए साधरणतः जोडे जा रहे है. वंचित व जरांगे पाटील एकत्र आने से पाटील समाज के उम्मीदवार की भागदौड बढ गई है.
यवतमाल- वाशीम का पेंच कायम
यवतमाल-वाशीम लोकसभा चुनाव क्षेत्र शिवसेना का होगा. यह करीब निश्चित हो गया है. इस चुनाव क्षेत्र में विद्यमान सांसद भावना गवली, मृद व जलसंधारण मंत्री संजय राठौड, राष्ट्रवादी कॉग्रेस के अजित पवार गट की मोहिनी नाईक की उम्मीदवारी के लिए स्पर्धा है. सांसद गवली ने उम्मीदवारी के लिए सभी शक्ति लगा दी है. विधायक एड. किरण सरनाईक को पार्टी में लाया.रासप के अध्यक्ष महादेव जानकर, छत्रपती संभाजी राजे के पास अपने नाम आगे किया. मगर भाजपा के सर्वेक्षण में संजय राठौड यह आघाडी पर होने से पेंच निर्माण हुआ है. साथ ही राठौड ने लोकसभा लडने की अनुत्सुकता दिखाने की जानकारी मिली है. इस विवाद में राष्ट्रवादी कॉग्रेस के अजित पवार गट की मोहिनी नाईक का भी नाम आगे आने से उम्मीदवारी वास्तव में किसकों मिलने वाली है. इस और सभी का ध्यानकार्षित है.
नागपुर, कोल्हापुर की भरपाई अकोला में?
एड. प्रकाश आंबेडकर ने इसके पूर्व में कॉगे्रस के सात स्थानों पर बिना शर्त समर्थन दिया है. दो दिनों पूर्व हुई पत्रकार परिषद में नागपुर व कोल्हापुर में कॉग्रेस की उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया. इसके बदले में कॉग्रेस अकोला की जगह पर आंबेडकर के लिए छोड सकते है क्या? इस विषय पर उत्सुकता बढी है.