अकोला

उत्तर प्रदेश से लापता मूक बधिर बालापुर में मिला

परिजनों को सौंपने पंजीयन प्रक्रिया का मिला आधार

अकोला/दि.22-लापता हुए मूक बधिर बच्चे को फिरसे उसके परिजनों को सौंपने के लिए पंजीयन प्रक्रिया का ही आधार मिला है. उत्तर प्रदेश से लापता हुआ मूक बधिर लडका बालापुर में पुलिस को मिला था. उसके परिवार की खोज करने की बडी चुनौती प्रशासन के सामने थी. आधार पंजीयन की प्रक्रिया करके उस बच्चे के पुराने आधार कार्ड से परिवार पता लगाया गया. इसके बाद मूक बधिर बच्चे को उसे परिवार को सौंपने के बाद उसकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पडे.

उत्तर प्रदेश से लापता हुए यह मूक बधिर बच्चा दो महीने पहले बालापुर पुलिस को मिला था. 18 वर्षीय इस मूकबधिर बच्चे के साथ संवाद की बडी दिक्कत निर्माण हुई थी. इस बच्चे को बालकल्याण समिति के पास सौंपा गया. समिति के आदेश से बच्चे को शासकीय बालगृह में रखा गया. उसे परिजनों का पता लगाने के लिए मूकबधिर स्कूल के अध्यापिका की मदद ली गई. लेकिन यह प्रयास व्यर्थ रहा. यह बच्चा केवल अपना नाम ही लिख सकता था. उससे उन्हें जानकारी मिली कि उनका नाम सतीश है. शिक्षक संजय मोटे ने उसे विभिन्न रेलवे स्टेशनों की तस्वीरें दिखाईं, वह भी असफल रहीं.

जब उसे आधार कार्ड दिखाया गया तो उसने प्रतिसाद दिया. इसके बाद खोज प्रक्रिया में तेजी आई. उसके आधार कार्ड की पंजीयन प्रक्रिया की गई.चूंकि कार्ड पंजीकरण प्रक्रिया पहले ही हो चुकी है, आधार कार्ड पहले से ही होने के कारण पंजीकरण नहीं किया जा सकता है. पिछला नामांकन क्रमांक प्राप्त हो गया था. आधार नंबर मिलते ही सतीश को वापस सेंटर ले जाया गया. पहले आधार नंबर और उसकी अंगुलियों के निशान लेकर आधार कार्ड बनवा लिया जाता था. इसके बाद पता चला कि वह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ जिले का रहने वाला है. उस वक्त तुरंत उनके परिवार से संपर्क किया गया.जब परिवार को पता चला कि उनका बेटा सुरक्षित है तो उन्हें राहत मिली. आज अकोला में तत्काल बच्चे के रिश्तेदार रवीन्द्र पाल पहुंचे. जिलाधिकारी अजीत कुंभार की मौजूदगी में बच्चे को उन्हें सौंपा गया. प्रशासन की सतर्कता के कारण लापता मूक-बधिर बच्चा अपने परिवार के पास लौट सका है.

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