* 5 वें दिन की कथा में टूटा भीड का रिकॉर्ड
* म्हैसपुर सहित अकोला शहर हुआ शिवमय
अकोला -/दि.9 – कभी-कभी खुद भगवान भी किसी व्यक्ति के मन में ईश्वर के अस्तित्व को लेकर संदेह पैदा कर देते है. ताकि वह व्यक्ति ईश्वर के अस्तित्व की जांच के बहाने ईश्वर की खोज में निकले और उसे ईश्वर की भक्ति और भक्ति की शक्ति का एहसास हो सके. एक बार भक्ति की शक्ति का एहसास हो जाने के बाद किसी भी व्यक्ति में ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास पैदा हो जाता है. अपने प्रति विश्वास जगाने के लिए यह भी ईश्वर की अपनी अनूठी लीला है. ताकि जिस व्यक्ति के मन में ईश्वर को लेकर संदेह या विरक्ति का भाव है. उसके मन में भी ईश्वरिय शक्ति के प्रति भक्ति व विश्वास पैदा किया जा सके. इस आशय का प्रतिपादन पं. प्रदीप मिश्रा सिहोरवाले द्बारा शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन कथा की श्रृंखला को आगे बढाते हुए किया गया.
यहां से पास ही स्थित म्हैसपुर में विगत 5 मई से रोजाना सुबह 8 से 11 बजे तक शिव महापुराण कथा का आयोजन चल रहा है. जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त रहने वाले कथा प्रवक्ता पं. प्रदीप मिश्रा सिहोरवाले द्बारा शिवकथा सुनाई जा रही है. साथ ही उपस्थित भाविक श्रद्धालुओं को अध्यात्मक व भक्ति का मार्ग भी दिखाया जा रहा है. इसी के तहत आज कथा के पांचवे दिन पं. प्रदीप मिश्रा ने राजा हरिशचंद्र व रानी तारामती का एक प्रसंग सुनाते हुए भक्ति की शक्ति और ईश्वर के प्रति विश्वास को लेकर उपरोक्त प्रतिपादन किया. साथ ही कहा कि, हर व्यक्ति ने इस बात ने पूरा भरोसा रखना चाहिए कि, परमपिता परमेश्वर नामक ईश्वरीय शक्ति द्बारा इस सृष्टी व जगत का सृजन करने के साथ ही संचालन भी किया जा रहा है. जो भी इस बात का विश्वास रखता है, वह सन्मार्ग पर है और जो लोग सन्मार्ग पर नहीं है, उन्हें खुद ईश्वर द्बारा सभी रास्ते पर लाने का काम किया जाता है.
पांचवे दिन की कथा के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा ने मौजूदा आधुनिक दौर में तेजी से बदल रही परिवार व्यवस्था व सामाजिक व्यवस्था पर भी जबर्दस्त कटाक्ष किया. जिसके तहत उन्होंने कहा कि, बच्चे पढ-लिखकर किसी लायक बन जाए, ऐसी सभी माता-पिता की ईच्छा होती है, लेकिन बच्चों को आज के दौर की आधुनिक शिक्षा-दीक्षा देने के साथ-साथ अपने धर्म, परंपराओं व मूल्यों की भी शिक्षा देनी चाहिए. अन्यथा पढ-लिखकर लायक बनने वाले बच्चे आगे चलकर अपने मां-बाप को ही नालायक समझने लगते है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, नई पीढी को अपने पारंपारिक मूल्यों, संस्कारों व संस्कृति के साथ जोडे रखा जाए.
बता दें कि, विगत 5 दिनों से म्हैसपुर में चल रही शिव महापुराण की कथा को सुनने के लिए अकोला एवं आसपास के क्षेत्रों के साथ ही राज्य सहित देश के विभिन्न शहरों से भाविक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है. इस समय अकोला में रहने वाले लगभग प्रत्येक व्यक्ति के घर में उनके नातेदार व रिश्तेदार मेहमान के तौर पर आकर रुके हुए है. साथ ही कई श्रद्धालुओं ने अकोला शहर के लॉज व होटलों में भी अपनी बुकिंग कर रखी है. इसके अलावा कई लोग म्हैसपुर में कथा आयोजन स्थल के आसपास भी विगत 5 मई से अपना डेरा जमाए बैठे है. यहां पर विगत 5 दिनोें से रोजाना ही कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं की भीड बढ रही है और आज पांचवे दिन यहां उमडी भीड ने पिछले सभी रिकार्ड तोड दिए.
ज्ञात रहे कि, जहां विगत सप्ताह मौसम बदरीला बना हुआ था और बेमौसम बारिश हो रही थी. जिसके चलते तापमान काफी हद तक कम था. वहीं इस समय आसमान पूरी तरह साफ है और तेज धूप पड रही है. जिसके चलते अच्छी खासी गर्मी महसूस हो रही है. ऐसे में शिव महापुराण कथा के आयोजन स्थल सहित म्हैसपुर की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर शुद्ध व ठंडे पेयजल की व्यवस्था की गई है. इस काम में कई सेवाभावी और स्वयंसेवी संस्थाओं द्बारा भी अपना सहयोग दिया जा रहा है. इसके अलावा आयोजन स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए भोजन का प्रबंध करने के साथ-साथ आसपास के इलाकों में कई लोगों द्बारा शिव महापुराण कथा में शामिल होने हेतु आने वाले भाविक श्रद्धालुओं के लिए चाय-नाश्ते का भी प्रबंध किया गया है और इस जरिए हर कोई सेवाकार्य करते हुए पुण्य लाभ अर्जित करना चाह रहा है.
* माउली सरकार ने दी भेंट
विगत 5 दिनों से म्हैसपुर में चल रही श्री स्वामी समर्थ शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन कौंडण्यपुर स्थित श्री रुख्मिणी विदर्भ पीठाधीश्वर अनंतश्री विभूषित जगतगुरु रामनंदाचार्य श्री रामराजेश्वराचार्य महाराज (श्री माउली सरकार) ने कथा पंडाल में उपस्थिति दर्ज करते हुए कथा प्रवक्ता पं. प्रदीप मिश्रा से भेंट की. इस समय कथा के आयोजक विजय दुबे व बंटी चौरसिया ने श्री माउली सरकार का भावपूर्ण स्वागत किया. साथ ही कथा प्रवक्ता पं. प्रदीप मिश्रा ने भी श्री माउली सरकार से आशीष प्राप्त किया. जिसके उपरान्त श्री माउली सरकार ने सभी उपस्थित शिवभक्तों एवं श्रद्धालुओं को अपने आशीर्वचन प्रदान किए.