अकोला

किसान पुत्री की बारात निकली घोडे पर

स्त्री-पुरुष समानता का संदेश

* घोडे पर बैठी दुल्हन को देखने उमडा जनसैलाब
बोरगांव मंजू/दि.11– अकोला जिले के बार्शिटाकली तहसील में स्थित खेर्डा खुर्द गांव के एक किसान पिता ने अपनी बेटी को घोडे पर बिठाकर बारात निकाली. लडकी व लडकों में समानता रखते हुए लडकी लडके से कम नहीं बल्कि वह एक साथ दो घरो को प्रकाशमान करती हैं. उन्होंने अपनी बेटी को बिदाई देने के साथ ही समाज को स्त्री-पुरुष समनता का संदेश भी दिया हैं.
खेर्डा खुर्द के किसान गोवर्धन तान्हुजी सदाशीव व उनकी पत्नी कल्पना सदाशीव ने अपने बेटी के जन्म के समय ही उसके उज्जवल भविष्य के सपने देखे थे. दो भाईयों के बीच गोवर्धन इनकी बेटी बडी हुई. उसने अपनी उच्च शिक्षा पूर्ण की और कुछ दिनों पूर्व ही सपना का विवाह नासिक के जलसंसाधन मंत्रालय में कार्यरत प्रशिश विजय खंडारे से तय हुआ. इस समय सदाशीव परिवार ने अपनी बेटी को घोडी पर बिठाकर बरात निकालने का तय किया. उसी के अनुसार शादी की तैयारियां भी शुरु की. इस समय वधू लग्नमंडप में वर के समान घोडे पर बैठकर आयी. वधू की बारात देखने के लिए आसपास के गांवासियों की बडे प्रमाण में भीड इकट्ठा हुई.
 
बेटो की तरह बेटी को भी दी उच्च शिक्षा
गोवर्धन सदाशीव के दो बेटे पंकज व धीरज है. उन्होंने सपना को भी बेटो की तरह ही उच्च शिक्षा दी. गोवर्धन की गांव में जलदूत के नाम से पहचान हैं. उन्होंने गर्मी के दिनों में अपने खेत से पाइपलाइन बिछाकर गांववासियोें की प्यास बुझायी थी. संपूर्ण गांव को अकाल की स्थिति में पानी की कमी न होने दी, इसलिए प्रशासन की ओर से उनका जलदूत सम्मान प्रदान किया गया था.

जन्म के समय किया था निश्चय
जिस समय बेटी का जन्म हुआ उसी समय उसकी बरात घोडे से निकालने का निर्णय सदाशीव परिवार ने लिया था. आज के समय में लडकियां किसी भी क्षेत्र में लडकों से पीछे नहीं है. उसे भी अपना आनंद व्यक्त करने का अधिकार इस बात का संदेश मुझे समाज के सामने रखना था.
-गोवर्धन सदाशीव, वधू पिता

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