अकोला

अकोला में मनचाहा बीज नहीं मिलने से गुस्साएं किसान

सडक की जाम, पुलिस की मध्यस्थता

* कृषि सामग्री केंद्रों पर बढ गया था तनाव
अकोला/दि.29– जिले में 1 लाख 35 हजार से अधिक कपास के रकबे को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में बीज सप्लाई के निर्देश के बावजूद बीटी कपास की एक खास किस्म की कथित कृत्रिम कमी से किसान मंगलवार को गुस्सा गये. यहां कॉटन मार्ग पर किसानों ने अचानक रास्ता रोको आंदोलन शुरू कर दिया. भरी दोपहर तेज धूप में किसानों के आंदोलन से प्रशासन सकपका गया. पुलिस और राजस्व अधिकारियों ने बीच बचाव कर आंदोलन रूकवाया. किंतु किसानों का रोष कायम दिखाई पडा.

जिले में कपास के रकबे को देखते हुए 677500 पैकेज बीजों की मांग थी. शुरूआत से ही बीटी कपास के एक श्रेणी के बीजों की मांग अधिक थी. शहर के कृषि सामग्री केंन्द्रों पर सबेरे से किसान कतारे लगा रहे है. जिले में बीज की आपूर्ति करनेवाली कंपनी से भी आपूतिर्र् योजना ली गई. बीज कंपनियों ने 7 लाख से अधिक बीज पैकेज आपूर्ति की योजना दी थी. मगर जिले में बीटी कपास के एक खास प्रजाति के बीज नहीं मिलने से किसानों में होड रही. कुछ जगहों पर विवाद की घटनाएं भी सामने आयी. मंगलवार को किसान लाइन में लगे थे. किंतु बीज उपलब्ध नहीं होने से नाराज होकर आक्रमक होकर उन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया.

* सप्लाई बंद कर दी
कपास के बीज का वितरण 16 मई से शुरू हो गया था. तब से उस विशेष प्रजाति की मांग अधिक रही कि. कंपनी ने मांग वाली प्रजाति की सप्लाई बंद कर दी और इस संबंध में संयुक्त कृषि निर्देशक को पत्र से सूचित कर दिया था. संशोधित योजना में अब तक अकोला जिले में 1 लाख 52 हजार पैकेट की आपूर्ति की गई.

* जूते चप्पलों की कतार
किसानों को मनपसंद बीज के लिए संघर्ष करना पड रहा है. कृषि सामग्री केंद्र खुलने से पहले सुबह से ही किसान लाइन लगा रहे हैं. उस पर असहनीय गर्मी भी किसान की परीक्षा ले रही हैं. सोशल मीडिया पर किसानों की भरी गर्मी में अपनी जगह अपने जूते चप्पल की लाइन लगाने के वीडियो वायरल हुए हैं. तरह- तरह की प्रतिक्रिया इस संंंबंध में आ रही है.

* क्या कहते हैं अधिकारी
कंपनी द्बारा प्राप्त बीज उपलब्ध करा दिए गये है. किसानों को अन्य कंपनियों के बीटी कपास बीज खरीदने चाहिए. वह बाजार में उपलब्ध है. जिले में बीजों की जमाखोरी करने या कालाबाजारी करने पर आपराधिक कार्रवाई की जायेगी. किसानों को इस संबंध में कृषि विभाग से शिकायत करनी चाहिए. हम जरूर एक्शन लेंगे.
– शंकर किर्वे, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी, अकोला

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