‘आखिर तीन महिने बाद पीएसआई सहित 3 पुुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज
मामला पुलिस कस्टडी में 19 वर्षीय संदिग्ध आरोपी की मौत का
अकोला /दि.17– एक अपराध में संशयित आरोपी रहने के चलते एक 19 वर्षीय युवक को अकोट ग्रामीण पुलिस ने कस्टडी में लेकर मारपीट करने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद मृतक युवक के परिवार ने विशेष पुलिस महानिरिक्षक से शिकायत करने के बाद जांच समिती बिठाई गई. उपरांत तीन महिने बाद जांच में मारपीट पश्चात मौत की पुष्टी होने पर इस अपराध में अकोट ग्रामीण पुलिस के पीएसआई सहित तीन पुलिस कर्मियों पर 302,34 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया.
जानकारी के अनुसार मृतक के चाचा सुखदेव हरमकर ने अपनी शिकायत में बताया कि 15 जनवरी को अकोट पुलिस के पीएसआई राजेश जावरे तथा चंद्रप्रकाश सोलंके ने मृतक गोवर्धन हरमकर(19) व उसे (चाचा) को किसी आरोप के चलते गिरफ्तार किया. वही 16 जनवरी को सुकली गांव में उनके घर पर छानबीन भी की. संदिग्ध रुप से गिरफ्तार दोनों चाचा-भतीजे को थाने में पीएसआई सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने अमानुष तरीके से मारपीट की. गोवर्धन के पार्श्व भाग में डंडा घुसा कर उसे प्रताडित किया. चाचा सुखदेव के सिर पर गंभीर चोंट लगने से तथा गोवर्धन की तबीयत बिगडने के कारण पीएसआई ने एक अन्य कर्मचारी की मदद से उन दोनों (गोवर्धन और सुखदेव) को अकोला के सरकारी अस्पताल में भर्ती न करते हुए किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के बाद सुखदेव को तो छोड दिया गया. मगर 17 जनवरी को इलाज दौरान गोवर्धन की मौत हो गई.
इस गंभीर अपराध के बाद भी अकोला ग्रामीण पुलिस ने किसी तरह की कोई शिकायत नहीं दाखिल की. जिसके कारण मृतक के परिवार ने विशेष पुलिस महानिरिक्षक कार्यालय की शरण लेते हुए अपनी शिकायत अमरावती परिक्षेत्र विशेष पुलिस महानिरिक्षक रामनाथ पोकले को बताई. जिसके बाद जांच समिती गठित की. पुरे तीन महिने बाद जांच में पता चला तथा गोवर्धन की छाती की हड्डी टुटने तथा शरीर में अधिक जख्म होने से मौत की पुष्टी पीएम रिपोर्ट में पता चली. जिसके बाद पीएसआई जावरकर सहित तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ 302,34 व विभिन्न धाराओं के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने आरोपी पीएसआई सहित अन्य को गिरफ्तार कर लिया.
आगे की जांच सीआईडी के पास
इस प्रकरण में आगे की जांच अब सीआईडी के व्दारा की जाने की जानकारी बालापुर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी गोकुल राज ने दी है. मगर पुलिस अधिकारी व कर्मचारी के विरोध में हत्या का अपराध क्यों दर्ज किया. इस बारे में उन्होनें बोलने में असमर्थता जताई.
एसडीपीओ गोकुल राज की ओर से जांच
* गोवर्धन हरमकर की मृत्यु प्रकरण में अकोट ग्रामीण पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मृत्यू दर्ज की गई थी.
* जिसके बाद इस प्रकरण में अकोट के उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनमोल मित्तल ने जांच की रिपोर्ट तैयार की थी.
* इस रिपोर्ट के आधार पर जिला पुलिस अधिक्षक बच्चन सिंह ने पुलिस उपनिरिक्षक राजेश जावरे सहित सालुखे नामक कर्मचारी को निलंबित किया था.
* इस प्रकरण की जांच बालापुर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी गोकुल राज के पास देने के बाद मंगलवार को पुलिस उपनिरिक्षक जावरे सहित तीन पुलिस कर्मचारियों के विरुध्द हत्या का अपराध दर्ज किया गया. यह उल्लेखनीय है.
पीएम रिपोर्ट में धक्कादायक खुलासा
मृतक गोवर्धन के प्राथमिक एक्स-रे व मेडिकल कागजपत्रों में दिखा कि उसके छाती की हड्डी टुटी हुई थी. ऐसा आरोप परिजनों ने लगाया. गोवर्धन की मृत्यु प्रकरण में अकोट ग्रामीण पुलिस ने मर्ग दाखिल किया था. मगर अब उसकी हत्या प्रकरण में कलम बढाई गई.
किस अपराध में किया था गिरफ्तार
मृतक गोवर्धन को किस अपराध के चलते अकोट ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार किया था? पुलिस में क्या घटना घटी? पुलिस की ओर से मृतक के परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिखाने में टालमटोल क्यों किया गया. परिवार को धमकी देने वाला व्यक्ति कौन है? इन सारे प्रश्नों का ुुउत्तर पुलिस खोजेगी क्या? इस पर भी सभी की नजरे टिकी हुई है. वही विधानपरिषद के उपसभापती निलम गोर्हे ने इस प्रकरण में दखल देने ुसे अकोला पुलिस पर भारी दबाव दिखाई दे रहा है.