अकोला प्रतिनिधि/दि.१२ – मध्य भारत में दिखा पहली बार दुर्लभ पक्षी ‘बाज’ जिसे अकोला के पक्षी अभ्यासक समीश घोंगडे ने इसकी छवी अपने कैमरे में कैद की. शीत काल पक्षियों के निरिक्षण का काल होता है. सर्वाधिक पक्षी शीत काल में दिखायी देते है. पहली बार इस दुर्लभ पक्षी का नाम सूची में दर्ज किया गया. अकोला की डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ की वन विद्या शाखा के विद्यार्थी व पक्षी अभ्यासक समीश घोंगडे की पक्षी निरिक्षण के दौरान आकाश में उडते हुए पक्षी पर नजर पडी.
जिसमें पक्षी अभ्यासक घोंगडे ने उत्सुकतावश अपने कैमरे में ऊचांई पर उड रहे पक्षी की छवी अपने कैमरे में कैद की. विश्लेषण के पश्चात वह दुर्लभ पक्षी बाज होने की बात सामने आयी. फोटो आयडी के लिए तज्ञ पक्षी अभ्यासक का मत जाना गया. जिसमें यह पक्षी केवल हिमालय में पाया जाता है. ऐसा स्पष्ट हुआ. इस कार्य में पक्षियों के सूक्ष्मअभ्यासक निनाद अभंग, शिरिष शेडोकार, मिलिंद सावदेकर का सहभाग रहा.