अकोला

विदर्भ में प्रचलित गावरानी आम के प्रकार बाजार उपलब्ध में

सीजन के अंत में गावरानी आम की ग्राहको की ओर से मांग

अकोला/ दि.१५- गोटी, शेंदर्‍या, कालू, शेप्या यह किसी लडका-लडकी के नाम नहीं है तथा पूर्व और पश्चिम विदर्भ में प्रचलित रहनेवाले मध्ाुर व रसीले गावरानी आम के विविध प्रकार है. हर साल प्रतीक्षा में रहनेवाले गावरानी आम फिलहाल बाजार में आए है. पश्चिम विदर्भ में जिला निहाय इस आम में स्थानीय विविधता दिखाई देती है. आम के अनेक प्रकार अक्षय तृतीय के बाद तथा कुछ प्रकार वटसावित्री पूर्णिमा के बाद बाजार में आते है. इस आम के प्रकार और नाम के संबंध में किसान और विक्रेता बताते है.
* आम के प्रमुख नाम और उनकी विशेषता
बेल्या- कुछ प्रमाण में बेल्या जैसी सुगंध रहनेवाला आम
लड्डू-लड्डू जैसा गोल रहनेवाला आम
शेवली-यह आम लालसा रहता है लेकिन रस सफेद रहता है.
गोटी- अत्यंत छोटे आकार का गोल आम
दसेरी-इस आम के रस में धागे जैसा फायबर रहता है.
रायत्या-यह आम प्रमुख रूप से अचार के लिए उपयोग किए जानेवाला कच्चा आम है.
शेंदर्‍या-आम की शेंडी पर सिंदूरी ठिपका तथा उसका रस सिंदूरी कलर का रहता है.
केळया- आकार से कुछ लंबा रहता है.
काळू- इसका रंग गहरा हरा व कालासा सील रहनेवाला आम
शेप्या- आम के रस की सुगंध सेपू जैसी आती हैे.
खसखशा-आम के साल पर खस खस जैसा डॉट दिखाई देता है.
भदाड्या- यह आम आकार में बढा होने से इसका नाम भदाड्या है. इस प्रकार रहे आम के नाम
आम का टेस्ट, स्वरूप, आकार, रंग से आम के विविध नाम पडे है. बोली भाषा होने से प्रदेश निहाय प्रचलित है, ऐसा डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के विशेषज्ञों की ओर से बताया गया है.
विदर्भ में जिला निहाय गावरानी आम के विविध प्रकार प्रचलित है. गावरानी आम प्राकृतिक रूप से पके होने से बाजार में उसकी मांग अधिक है. विदर्भ में प्रचलित गावरानी आम के प्रकार संकलन करने की द़ृष्टि से प्रयास कर सकते है, ऐसा फल संशोधन विभाग प्रमुख डॉ. शशांक भराड का कहना है.

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