अकोला

भागदौड के युग में बच्चों को पहले जैसे संस्कार नहीं मिल रहे है

संत श्री डॉ. संतोषकुमार महाराज के आशीर्वचन

* पक्की खोली अकोला में शिवधारा समर कैम्प
अकोला/ दि.26 – मानसिक तनाव और भागदौड के इस युग में परिवारों में भी पहले जैसे संस्कार बच्चों को नहीं मिल पा रहे है. बच्चों को हम कला शिक्षा के साथ संस्कार दे. ऐसा लगात है कि, अध्यात्मिक संस्थाओं का इस बारे में दायित्व बढ गया है. क्योंकि अच्छे संस्कार वाला बच्चा एक सच्चा और अच्छा देशभक्त, भगवत भक्त या आदर्श व्यक्ति बनकर स्वयं के विकास के साथ-साथ परिवार, समाज, राष्ट्र को खुशी, सुख, सेवा दे पायेगा. इसलिए बच्चों की विचारधारा पर हमे काफी ध्यान रखना होगा, ऐसा आशीर्वचन परमपूज्य संत श्री डॉ. संतोषकुमार महाराज ने दिया. स्थानीय पूज्य शिवधारा आश्रम पक्की खोली अकोला में इस वर्ष भी शिवधारा समर कैम्प का आयोजन किया गया. इस समय वे बोल रहे थे.
उन्होंने आगे बताया कि, यह सोशल मीडिया का युग है. पता नहीं बच्चा क्या देख और सिख रहा है, उसका पता नहीं क्या परिणाम होने वाला है, जेैसे के इन दिनों चायना देश ने हफ्ते में केवल तीन दिन 2 घंटे में कोई बच्चा सोशल मीडिया चला पायेगा, ऐसा नियम बनाकर फोन कंपनी वालों को बता दिया है कि, जैसे बच्चों की मानसिकता की रक्षा हो, इस संदर्भ में भी हम सभी को सोचना होगा. मंच पर गायत्री मंत्र का उच्चारण दृष्टि आहुजा ने किया. गुरुमंत्र सोहम गाले, निशा जसवानी ने विद्या गीत गाया. आध्यात्मिक टिप्स दीपिका मुलचंदानी ने दिये. आओ सब गाओ गीत पर नृत्य सभी बच्चों व्दारा किया गया. गुड मैनर्स दर्श आहुजा ने बताये, हेल्थ टीप्स मयुर सजदेव, जप साहिब का पाठ सिमरण आहुजा, कोयल पोयम, निधि वाधवानी आदि बच्चों ने बताए. कार्यक्रम में जजेस की भूमिका डॉ. सुरभी केसवानी, मोनिका जुडानी, संजय सावलानी, हरिश पारवानी ने निभाई. अंत में स्पर्धा में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान किया गया.

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