राज्य के 17 जिले ‘लंपी डीसीज’ के साये में
बडे पैमाने पर पालतु मवेशी आ रहे संक्रमण की चपेट में
* जानवरों की ढुलाई व खरीदी-बिक्री पर कडा प्रतिबंध
अकोला/दि.9- इस समय राज्य के 17 जिलों में गाय, बैल व भैस जैसे बडे पालतु मवेशियों पर ‘लंपी डीसीज’ नामक संक्रामक महामारी का खतरा मंडरा रहा है और इन 17 जिलों में बडे पैमाने पर जानवर इस संसर्गजन्य बीमारी की चपेट में आ चुके है. ऐसे में इस बीमारी के संक्रमण को फैलने से रोकने हेतु राज्य में जानवरों की ढुलाई और खरीदी-बिक्री को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इस आशय की जानकारी राज्य के राजस्व, दुग्ध व्यवसाय व पशुसंवर्धन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील द्वारा दी गई है.
गत रोज अकोला जिले के दौरे पर आये मंत्री विखे पाटील ने यहां पर एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि, इस बीमारी की चपेट में आनेवाले जानवरों की मृत्यु होने का प्रमाण यद्यपि काफी कम है. लेकिन इसके बावजूद इस बीमारी से बचाने हेतु जानवरों के टीकाकरण को पूरी प्राथमिकता दी जा रही है और पशु संवर्धन विभाग द्वारा तमाम आवश्यक प्रयास किये जा रहे है. इसके अलावा अगर किसी जानवर की मौत होती है, तो संबंधित पशुपालक को सहायता उपलब्ध कराने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जायेगा और ऐसे जानवरों को आवश्यक सहायता भी उपलब्ध करायी जायेगी. इसके साथ ही इस बीमारी के प्रसार को रोकने हेतु जानवरों की आंतरराज्जीय, आंतरजिला व आंतर तहसील ढुलाई को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. साथ ही इस समय राज्य में पशुचिकित्सकों के 600 रिक्त पडे पदों को भरने के लिए तमाम आवश्यक प्रयास किये जा रहे है.
* क्या है ‘लंपी डीसीज’
‘लंपी डीसीज’ जानवरों की त्वचा पर होनेवाली एक बीमारी है. जिसके संक्रमण की चपेट मेें आनेवाले जानवरों के पूरे शरीर पर रक्त की गांठें बन जाती है, जो त्वचा पर फुन्सीयों की तरह उगी हुई दिखाई देती है. यह बीमारी राजस्थान और गुजरात में सबसे पहले फैली. जहां पर सैंकडों जानवरों की संक्रमण की चपेट में आकर मौत हुई. वहीं अब यह बीमारी मध्यप्रदेश से होते हुए महाराष्ट्र तक पहुंच गई है और महाराष्ट्र के करीब 17 जिले इस बीमारी की चपेट में है. चिंतावाली बात यह है कि, इस बीमारी का प्रसार मुख्य तौर पर मच्छर, मख्खी, गोचिड व चिल्टे के जरिये एक जानवर से दूसरे जानवर तक होता है. ऐसे में संक्रमण की चपेट में आनेवाले जानवरों को दूसरे जानवरों से अलग-थलग व दूर रखे जाने की जरूरत होती है. इसी बात के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा जानवरों की ढुलाई तथा खरीदी-बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है, ताकि जानवर एक-दूसरे के संपर्क में न आ सके.