अकोला

अनाथ बालिका को सिंगापुर के भारतीय दंपत्ति ने लिया गोद

अकोला में पहली दत्तक प्रक्रिया पूर्ण

अकोला-दि. 11 बालन्याय अधिनियम सुरक्षा कानून में सुधार के पश्चात देश में पहली दत्तक प्रक्रिया का बहुमान अकोला की जिलाधिकारी निमा अरोरा को प्राप्त हुआ. सिंगापुर के एक भारतीय दंपत्ति ने शहर के ‘उत्कर्ष’ बालगृह की एक बालिका को गोद लिया. जिसमें बालिका के हस्तांतरण के आदेश जिलाधिकारी अरोरा ने दिए.
बता दे कि पिछले साल तक अनाथालय के बालको कोे दत्तक लेने की प्रक्रिया न्यायालय द्बारा की जाती थी. किंतु पिछले साल बाल न्याय सुरक्षा 2015 कानून में सुधार किए जाने के पश्चात दत्तक प्रक्रिया का अधिकार जिलाधिकारी को दिया गया. उस सुधारित नियम अनुसार उक्त बालिका का हस्तांतरण किया गया. जनवरी 2021 में केवल 4 से 5 दिनों की बालिका को उत्कर्ष बालगृह में दाखिल किया गया था तभी से उसका पालन पोषण यहां किया जा रहा था.

* इस प्रकार हुई दत्तक प्रक्रिया
सिंगापुर के एक भारतीय दंपत्ति ने दत्तक पालकत्व प्रक्रिया का कार्य करनेवाली ऑथोराईज्ड फॉरेन अ‍ॅडाप्शन एजेंसी (आफा) इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था में बच्चे को दत्तक लेने की मांग के लिए पंजीयन करवाया.
दत्तक प्रक्रिया के लिए भारत में कार्यरत अ‍ॅडाप्शन रिसोर्स एजेंसी अर्थात ‘कारा’ इस संस्था की ओर से ‘आफा’ को बालिका की जानकारी दी गई.
– कारा व आफा संस्था ने एक दूसरे से समन्वय साधकर सिंगापुर के दंपत्ति को बालिका की सविस्तार जानकारी दी. उसके पश्चात सिंगुपर के भारतीय मूल के दंपत्ति ने बलिका को दत्तक लेने की तैयारी दर्शायी.
– उसके पश्चात उत्कर्ष शिशुगृह की अधीक्षक प्रीति दंदाले ने दत्तक प्रक्रिया का प्रस्ताव जिला महिला व बालविकास अधिकारी विलास मरसाले को भिजवाया.
– सुधारित कानून के अनुसार यह प्रकरण जिलाधिकारी निमा अरोरा के समक्ष रखा गया.
– इस मामले में तीन सुनवाईयां की गई.
– सुनवाई के पश्चात बालिका का सिंगापुर के दंपत्ति को हस्तांतरण के आदेश पर जिलाधिकारी निमा अरोरा ने हस्ताक्षर किए.

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