अकोला

बालक पर अत्याचार करने वाले नराधम को उम्रकैद

वैद्यकीय अधिकारी की होगी जांच

अकोला/दि.22 – मूर्तिजापुर तहसील के माना पुलिस थाने के तहत आने वाले एक गांव में साढ़े चार वर्ष के बच्चे पर अनैसर्गिक अत्याचार करने वाले 75 वर्षीय नराधम विठ्ठल मारुती पारिसे को पोस्को विशेष न्यायालय ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही ढाई लाख रुपए जुर्माना भी ठोका है. जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त 6 माह की सजा सुनाई है. यह घटना माना पुलिस थाने के तहत 24 जुलाई 2019 को घटी थी.
इस्तगासे के अनुसार माना पुलिस थाने के तहत आने वाले एक गांव में एक चार वर्ष का बच्चा घर के बाहर खेल रहा था. उसके पड़ोस में रहने वाले विठ्ठल मारुती पारीसे ने बच्चे को चॉकलेट का आमिष देकर घर में बुलाया व उस पर अनैसर्गिक अत्याचार किया. उसी समय वहां पर चंदा मांगने के लिए आयी दो महिलाओं ने घर में कोई है क्या ऐसी आवाज लगाई. घर से उत्तर न आने के कारण उन महिलाओं ने दरवाजे से भीतर झांककर देखा, तब उन्हें विठ्ठल पारिसे बालक पर अत्याचार करते दिखाई दिया. इन दो महिलाओं को देखते ही पीड़ित बालक रोते हुए भागकर घर चले गया. उन दो महिलाओं ने उस पीड़ित बालक की मां को संबंधित घटना बतायी. पीड़ित बालक के पिता रात को घर लौटने पर उन्होंने 25 जुलाई 2019 को माना पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी. जिस पर पुलिस ने दफा 377, पोस्को 3, 4, 5 और कलम 7, 8, 9 के तहत अपराध दर्ज किया. माना पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक संजय खंडारे और पुलिस उपनिरीक्षक विजय महाले व्दारा इस बारे में जांच कर विठ्ठल पारिसे को गिरफ्तार किया है.तब से वह कारागृह में था.
इस मामले में पोस्को के विशेष न्यायालय में मामला शुरु था. न्यायालय ने इसमें आठ गवाहदारों की जांच की, लेकिन एक भी साक्षीदार फितूर नहीं हुआ. विशेष न्यायालय की दफा 377 में उम्रकैद और 1 लाख रुपए दंड तथा कलम सात, आठ, नौ में पांच वर्ष शिक्षा और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त 6माह की सजा सुनाई गई है. जुर्माने की आधी रकम यह पीड़ित को देेने के आदेश न्यायालय ने दिए है. इस मामले में सरकारी पक्ष की तरफ से एड. मंगला पांडे ने युक्तिवाद किया.
पीड़ित बालक की वैद्यकीय जांच करने वाले मूर्तिजापुर उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. सुमित जोशी इस मामले में दिक्कत में आये हैं. उनकी विभागीय जांच के आदेश न्यायालय ने दिए है. डॉ. सुमित जोशी ने वैद्यकीय रिपोर्ट में काटछाट करने से न्यायालय ने इस पर आक्षेप लिया. जिसके अनुसार जांच के आदेश दिए है.

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