अकोला

शराब दुकान पर से ‘वाईन’ शब्द हटाकर लिकर शॉप लिखा जाए

वाईन को कृषि प्रक्रिया उद्योग में लाए,किसान ब्रिगेड की मांग

अकोला/दि.१७-शराब दुकान पर वाईन शब्द हटाकर उसके बदले लिकर शॉप लिखे तथा वाईन को अबकारी विभाग के बदले कृषि प्रक्रिया उद्योग में शामिल करे. ऐसी मांग किसान ब्रिगेड के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश पोहरे ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को निवेदन में की है. सच तो यह है वाईन यह पूरी तरह सेे कृषि उत्पादन है. फलों को शुध्द किया गया बाटल में बंद उत्तम रस इसके अलावा वाईन की दूसरी व्याख्या ही नहीं की जा सकती. वाईन यह सही तौर में हेल्थ ड्रिंक है. शराब बेचने वाली दुकानों को लिकर शॉप के बदले शब्दच्छल कर ‘वाईन शॉप’ ऐसा गोडस नाम देने के कारण वाईन के संबंध में समाज में अनेक गलतफहमी होने निवेदन में कहा है.
पोहरे ने कहा कि समाज मेें शराब पीना अपराध है. भारत में गोवा व कर्नाटक को छोड़कर अन्यत्र वाईन शॉप पर शराब लिखकर बेचने की नीति के कारण वाईन संदर्भ में समाज में अनेक ्रगलतफहमी हो गई है. भारत में वाइन यह पेय अबकारी विभाग अंतर्गत होने के कारण उस पर आधारित प्रक्रिया उद्योग पर लायसन्स परमिट राज अंतर्गत अनेक बंधन होने के कारण और उसकी कीमत अधिक व अबकारी टैक्स लगाने के कारण इस पर आधारित उद्योग के विकास का यह संकोच है. आज देशभर में फलों का बहुत उत्पादन है. किंतु कडी शर्त के कारण व गलतफहमी होने के कारण इस फल पर आधारित उद्योग के लिए किसान अग्रसर नहीं होते. जिसके कारण वाइन संदर्भ में अंग्रेजों के समय की नीति बदलकर शराब दुकान पर ‘वाईन’ यह अक्षर हटाकर उस पर ‘लिकर शॉप’ ऐसा लिखा जाए. उसी प्रकार वाइन को कृषि उत्पादन दर्जा व विविध सहूलियत और अनुदान देकर वाईन उद्योग यह खादी ग्रामोद्योग अंतर्गत कुटिर उद्योग के रूप लाने पर जोर दिया जाए और किसानों को समृध्द करे. इसके लिए नियम में बदलाव कर ‘वाईन’ को ‘अ‍ॅग्री हेल्थ ड्रिंक का दर्जा दिया जाए. ऐसी मांग किसान ब्रिगेड की होने का निवेदन में कहा गया है.
वाईन कृषि उद्योग का दर्जा देने के लिए किसान ब्रिगेड के माध्यम से व्यापक जनजागृति की जायेगी. उस अंतर्गत जल्द ही अनेक जिले मेें वाईन क्लब स्थापना कर वाईन फेस्टिवल आयोजित किया जायेगा. वाईन संदर्भ में प्रचलित गलतफहमी दूर करने के लिए आंदोलन किया जायेगा.ऐसी चेतावनी पोहरे ने दी है.

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