3 मगावैट से कम बिजली निर्मिति प्रकल्पों को महाजनकों ने नकारा
राज्य के 7 प्रकल्पों में होती है 3 मेगावैट से कम बिजली निर्मिति
अकोला -दि.29 राज्य के 7 सिंचाई प्रकल्प की जलविद्युत प्रकल्प की क्षमता 3 मेगावैट से कम होने पर जलविद्युत प्रकल्प लेने से महाजनकों ने नकार दिया है. दूसरी ओर उपसा सिंचन व जलविद्युत विभाग की ओर कर्मचारियों की किल्लत होने से जलविद्युत प्रकल्प की देखभाल और दुरुस्ती को लेकर दुर्लक्ष हो रहा है. बांध के निचले स्तर पर नहर द्बारा जमीन सिंचाई के लिए लाई गई. किंतु बांध प्रकल्प का उपर के स्तर पर जमीन पर सिंचाई किये जाना संभव नहीं था. जिसमें उपसा सिंचान योजना में नीचे के स्तर का पानी पंप की सहायता से उपर चढाया जाता है. उपसा सिंचाई योजना की वजह से सिंचाई करना संभव हुआ है. पानी को उचाई पर पहुंचाने के लिए विद्युत पंप की आवश्यकता होती है.
उसी प्रकार जल प्रकल्प से बिजली की निर्मिति भी होती है. राज्य के अनेक प्रकल्पों पर जलविद्युत प्रकल्प का निर्माण किया गया है. इन प्रकल्पों की बिजली निर्मिति की क्षमता 3 मेगावैट से अधिक है. ऐसे बिजली प्रकल्प महाजनकों को हस्तांतरीय किये गये. किंतु जिन बिजली प्रकल्पों की निर्मिति की क्षमता 3 मेगावैट से कम है. ऐसे प्रकल्पों को लेने से महाजनको ने नकार दिया. जिसकी वजह से जलविद्युत प्रकल्प विभाग के पास ही है. जलविद्युत प्रकल्प द्बारा 12 महिने बिजली की निर्मिति नहीं किये जाने से और उपसा सिंचन व जलविद्युत प्रकल्प विभाग के पास तकनीकी कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या न होने की वजह से प्रकल्प की देखभाल का प्रश्न निर्माण हुआ है.
* कम क्षमता वाले बिजली निर्मिति प्रकल्प
कम क्षमता वाले बिजली प्रकल्प में अकोला जिले के वान प्रकल्प में 1500 किलो वैट, अमरावती जिले के शहानुर प्रकल्प में 700 किलो वैट तथा बीड जिले के माजलगांव, सातारा जिले के येवतेश्वर, नाशिक जिले के करंजवत, ठाणे जिले के डोलवाहल प्रकल्प के 3 मेगा वैट से कम बिजली निर्मिति की जाती है.