अकोला/दि.19 – जानलेवा कोरोना विषाणु समुल नष्ट करने के लिए नागरिकों ने आगे आने की नितांत आवश्यकता है. आगामी 30 नवंबर तक कोरोना टीके के दोनों डोज देने का उद्दिष्ट पूर्ण करने हेतु राज्यशासन के निर्देश को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका आयुक्त कविता द्विवेदी ने टीके के दोनों डोज लेने के बाद ही मनपा में वर-वधु का विवाह पंजीयन करने का निर्णय लिया है. प्रशासन की इस भूमिका का स्वागत किया जा रहा है.
संसर्गजन्य कोरोना विषाणु के कारण अनेकों की जान चली गई है. कोरोना की पहली लहर की बजाय फरवरी महीने में आयी कोरोना की दूसरी लहर अधिक घातक थी. घर के कर्ता पुरुष, वयोवृद्धों सहित युवा पीढ़ी को भी विषाणु की संसर्ग होने से जान गवानी पड़ी. सर्वत्र भय व दहशत का वातावरण था. उस समय टीके का डोज लेने के लिए टीकाकरण केंद्रों में नागरिकों की काफी भीड़ दिखाई देती थी. मई म ाह के बाद कोरोना का प्रादुर्भाव कम होने की बात सामने आयी. दरमियान, कोविशिल्ड व कोवैक्सिन इन दोनों टीकों की कालावधि को ध्यान में रखते हुए अनेकों ने आज तक पहला डोज लेने के बाद दूसरा डोज लेने में लापरवाही बरतने की स्थिति है. कोरोना खत्म होने की भावना निर्माण होे के कारण ही शायद लोगों ने ऐसा किया हो. कुछ नागरिकों ने अब तक कोरोना का एक भी डोज नहीं लिया.
इनमें करीबन 1 लाख 20 हजार अकोला वासियों का समावेश है. टीका न लेने वाले नागरिकों की बड़ी संख्या सामने आने के बाद जिला व मनपा प्रशासन गत कुछ दिनों से फिर से एक बार टीकाकरण के मुद्दे पर सक्रिय होते दिखाई दे रहा है. आयुक्त कविता द्विवेदी ने मनपा में विवाह पंजीयन के लिए आने वाले नववधु-वर को टीके के दोनों डोज लेना अनिवार्य किया है. दो डोस लेने के बाद ही विवाह पंजीयन प्रमाणपत्र दिए जाने के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं.
साक्षीदारों को देने पड़ेंगे प्रमाणपत्र
मनपा में विवाह पंजीयन के लिए आने वाले नववधदु-वर के प्रमाण पत्र के लिए दोनों पक्षों के साक्षीदारों के हस्ताक्षर लिए जाते हैं. आयुक्त के निर्देशानुसार दोनों पक्षों के साक्षीदारो को भी कोरोना टीके के दोनों डोज लेने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है.