अकोला/दि. 23– माना थाना क्षेत्र में आनेवाले एक गांव में 10 वीं कक्षा में पढनेवाली 15 वर्षीय शालेय छात्रा पर उसके चचेरे चाचा और दो चचेरे भाईयों ने लैंगिक अत्याचार किया. यह घटना दामिनी पथक के माध्यम से उजागर हुई. इस प्रकरण में माना पुलिस स्टेशन में तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस अधीक्षक अकोला की संकल्पना से चलाए जानेवाले उपक्रम के तहत दामिनी पथक ने शाला को भेंट देना शुरु किया है. एक शाला भेंट के दौरान दामिनी पथक को संबंधित पीडिता ने उस पर होनेवाले लैंगिक अत्याचार की जानकारी दी. तब माना के थानेदार सूरज सुरोशे ने मामला दर्ज किया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पश्चात आरोपियों को न्यायालय के सामने पेश किया गया. नाबालिग पीडिता दो साल से माता-पिता से अलग रह रही है. वह चचेरे मौसी के आधार पर उस गांव के विद्यालय में 3 साल से शिक्षा ले रही है. उसके 56 वर्षीय चाचा माणिक सरदार और उसके बेटे नितिन व विशाल सरदार उस पर हर दिन लैंगिक अत्याचार करते रहने की जानकारी दामिनी पथक को दी. दामिनी पथक की महिला सिपाही रोशनी गायकवाड, रेश्मा जाधव ने छात्रा को विश्वास में लेकर प्रकरण की संपूर्ण जानकारी ली. आरोपी नितिन ने पीडिता के साथ अनेक बार शारीरिक संबंध स्थापित किए और अन्य दोनों ने उसका विनयभंग किया. इस घटना के तीनों आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ पोक्सो सहित विविध धाराओं के तहत माना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.