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नराधमी पिता को उम्रकैद की सजा

बेटी का शारीरिक शोषण कर धमकाने के मामले में था नामजद

* अदालत में पांच मामलों में ठहराया दोषी
अकोला/ दि.21 – घर में अकेले रहते समय अपनी ही 15 वर्षीय बेटी के साथ जोरजबर्दस्ती करते हुए उसका शारीरिक शोषण करने और यह बात किसी को भी बताने पर मां और भाई को जान से मार डालने की धमकी देने वाले 45 वर्षीय नराधमी पिता को अदालत ने पांच मामलों में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के साथ 5 लाख 30 हजार रुपए के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई. विशेष उल्लेखनीय है कि, विशेष जिला व सत्र न्यायाधिश वी. डी. पिंपलकर की अदालत ने महज 13 माह के भीतर इस मामले में अपना फैसला सुना दिया.
जानकारी के मुताबिक उरल पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले एक गांव में रहने वाली 15 वर्षीय नाबालिग लडकी हमेशा की तरह अपने घर के कामकाज निपटा रही थी. इस समय परिवार के अन्य सदस्य अपने अपने काम के चलते घर से बाहर गए हुए थे. इस मौके को साधते हुए उसके गुंडा प्रवृत्ति वाले पिता ने उसके साथ दुराचार किया. साथ ही मारपीट करते हुए धमकाया कि, अगर उसने यह बात किसी को भी बताई तो, उसके सहित उसकी मां व भाई को जान से मार दिया जाएगा. अपने साथ अपने ही पिता व्दारा किये गए इस अत्याचार से बुरी तरह घबराई पीडिता ने यह बात पडोस में रहने वाली अपनी चाची से कही. जिसके जरिये यह बात पीडिता की मां तक पहुंची. पश्चात इस मामले को लेकर उरल पुलिस थान में शिकायत दर्ज कराई गई. जिसके आधार पर उरल पुलिस ने नराधमी पिता के खिलाफ भादंवि की धारा 376, 376 (2) (एन), 376 (3) व 506 तथा पोक्सो अधिनियम की धारा 3-4, 5 (एल) (एन) व 7-8 के तहत मामला दजर्र् किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए उरल के थानेदार अनंत वडतकर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जलद गति से जांच को पूर्ण किया और आरोपी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई. पश्चात शुरु हुई मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 11 लोगों की गवाही दर्ज की और तमाम सबूतों व गवाहों को ग्राह्य मानते हुए अदालत ने आरोपी पिता को सभी पांच अपराधों का दोषी करार दिया. जिसके लिए आरोपी को आजीवन कारावास के साथ ही 5 लाख 30 हजार रुपए के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई गई. इस मामले में सहायक सरकारी वकील किरण खोत ने पीडिता की ओर से पैरवी की.

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