अकोला/दि.24 – स्थानीय जगजीवनराम नगर में नवनिर्माणधीन शिव मंदिर में भगवान नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की गई. शिवलिंग स्थापना के दौरान भगवान भोलेनाथ के श्रद्धालुओं ने बड़े ही धूमधाम से शिवलिंग की परिक्रमा परिसर में की.
उल्लेखनीय है कि, आस्था विश्वास ऐसे दो शब्द हैं, जो बड़े-बड़े संकटों से इंसान को उबारने में काफी बड़े मददगार साबित होते हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपने आराध्य देवता का पूजन बड़े ही आस्था और विश्वास के साथ करता है. भक्तों को ज्ञात होता है कि उसकी समस्या का निवारण उसके प्रभु अवश्य ही करेंगे. पंडित प्रदीप मिश्रा के शिवपुराण कथा के कारण भगवान के प्रति आस्था काफी बढ़ गई है. प्रत्येक स्थान पर बने शिव मंदिरों में भोलेनाथ के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दे रही है. भगवान भोलेनाथ को देवो के देव महादेव कहा जाता है तथा वे अपने भक्तों की मनुहार को जल्दी सुन लेते हैं व अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण कर उन्होंने विपत्तियों से बचाते हैं. ऐसा विश्वास भोलेनाथ की प्रत्येक श्रद्धालुओं को होता है, जहां शिव मंदिर नहीं है, वहां पर भक्त शिव मंदिर का निर्माण कर शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं. इसी के तहत स्थानीय जगजीवन राम नगर की महिलाओं ने परिसर में शिवलिंग मंदिर का निर्माण करने का संकल्प लिया गया और मंदिर निर्माण के लिए लगने वाली धनराशि को सभी महिलाओं ने अपने स्तर पर संग्रहित किया तथा अपनी क्षमता के अनुसार मंदिर के निर्माण के लिए हर संभव प्रयास किया.
मंदिर निर्माण की अगुवाई कर रही महिला मंडल की प्रमुख दया प्रवीणकुमार मिश्रा ने संकल्प लेकर आखिरकार महिलाओं के सहयोग से मंदिर का निर्माण आरंभ किया. भगवान शिव की आस्था में विश्वास रखने वाले दीपकसिंग गंगाहले ने महिलाओं का भावना का सम्मान करते हुए शिवलिंग स्वयं देने का निर्णय लिया. मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होते ही पंडित भोला दीक्षित, जय उपाध्याय, रेखा दीक्षित ने तय तिथि, मुहूर्त पर विधिवत मंदिर का ग्रह प्रवेश व पूजा अर्चना की. तत्पश्चात दूसरे दिन महिलाओं ने सज धज कर नर्मदेश्वर शिवलिंग को सजा धजा कर बैंड बाजों की धुन पर परिसर में परिक्रमा करते हुए भगवान नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की. शिवलिंग स्थापना के पश्चात श्रद्धालुओं ने 1008 मंत्र उच्चारण किया. सभी विधिवतपूजा अर्चना के पश्चात होम, हवन, आरती व प्रसाद का वितरण उपस्थित श्रद्धालुओं को किया गया किया गया.