विनयभंग के आरोपी को एक वर्ष की सजा
अकोला/दि.11- अकोट फैल पुलिस थाने की सीमा में रहने वाली एक नाबालिग युवती का विनयभंग करने वाले आरोपी को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश एस.जे. शर्मा के न्यायालय ने एक वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही 4000 रुपए जुर्माना भी ठोका. जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान न्यायालय ने किया है.
अकोट फैल परिसर निवासी एक 14 वर्षीय नाबालिक लड़की की शिकायत के अनुसार इसी परिसर में रहने वाला स्वप्निल बसवंत वानखडे (30) लड़की का पीछा करता है. उसे दुपहिया पर बैठने को मजबूर करता है. इतना ही नहीं तो मोबाइल पर बात नहीं करने पर चेहरे पर ब्लेड मारने की धमकी देने की बात शिकायत में बताई. यह शिकायत 16 मार्च 2018 को अकोट फैल पुलिस थाने में दी थी. इसके आधार पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच प्रारंभ की. आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल करने के बाद अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश शर्मा ने आरोपी के खिलाफ पाए गए ठोस सबूतों के आधार पर उसे दोषी ठहराते हुए भादवि की धारा 354 के तहत एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही 4 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका. इस मामले में सरकार की ओर से एड. किरण खोत, एड. दीपक गोटे ने कामकाज देखा.