सप्ताह में १ हजार से घटी कीमत, विवाह समारोह में ग्राहकों को थोड़ी राहत
सोना चमका, सालभर में छह हजार की बढ़ोतरी
अकोला/ दि.२४-शादी-ब्याह यानी सोने की खरीदारी आ गई. विवाह समारोह शुरु हो गए है. हर तरफ बैंडबाजे की ध्ाून सुनाई दे रही है. ऐसे में दूल्हा-दुल्हन के लिए सोने के गहनों की खरीदारी जोरों पर चल रही है. हालांकि, सोने की बढ़ती कीमतों से ग्राहकों के पसीने छुट रहे है. पिछले वर्ष की तुलना में सालभर में सोने की कीमत में ६ हजार से अधिक की वृद्धि हुई है. पिछले साल जनवरी से फरवरी के बीच सोने के दाम ५३००० से ५४ हजार के बीच थे. फिलहाल सोने की कीमत ५६ से ५७ हजार के बीच है. दिसंबर में इससे ज्यादा रेट बढ़ाए गए थे. दिसंबर २०२२ में सोने के भाव में ५९ हजार तक पहुंचे थे. इसकी तुलना में फिलहाल दो से ढाई हजार के भाव में गिरावट है. पिछले कुछ दिनों में कीमत में हर हफ्ते कमोबेश एक हजार का बदलाव हो रहा है. फरवरी के पहले हफ्ते में सोने के दाम ५७ हजार तक थे. पिछले सप्ताह की तुलना में रेट में हजारों की कमी आई है. इस साल विवाह समारोह जून तक है. इसलिए अगले चार महीनों में बड़ी मात्रा में सोने की खरीदारी होगी. सोने की दुकानों पर दिनभर भीड़ देखी जा रही है. उल्लेखनिय है कि, उपभोक्ता फिर से कीमत कम होने का इंतजार कर रहे हैं. साल भर में चांदी की कीमत में इजाफा हुआ है. वर्तमान में चांदी की कीमत ६६,५०० रुपए है.
इन बातों का रखें ध्यान!
सोने-चांदी पर दी गई कीमतें सांकेतिक हैं. इस पर कोई जीएसटी या कोई अन्य टैक्स नहीं जोड़ा जाता है. ग्राहकों ने सही व अचूक कीमत के लिए स्थानीय सराफा व्यवसाई अथवा जौहरी से पूछताछ करना जरूरी है. ज्वेलर्स या निर्माताओं द्वारा सोने के आभूषणों पर अलग से शुल्क लगाया जाता है. खरीदते समय यह जानकारी अवश्य लें. ज्वेलर्स के मेकिंग चार्ज अलग-अलग होते हैं. सोने के आभूषणों में हॉलमार्किंग कानूनन अनिवार्य है. खरीदी करते समय हॉलमार्किंग सुनिश्चित करें. हॉलमार्किंग गुणवत्ता और सटीकता की गारंटी देता है.
ऐसे तय होती हैं सोने की कीमतें
बाजार में सोने की कीमत निर्धारित करने के लिए कई कारकों पर विचार किया जाता है. इनमें ब्याज दरें, सोने की मांग, महंगाई, सरकारी नीतियां, मुद्रा में बदलाव आदि शामिल हैं. सोने में निवेश सोने के आभूषण, गोल्ड म्युचुअल फंड, डिजिटल गोल्ड आदि के रूप में किया जा सकता है. गोल्ड बांड भी लिया जा सकता है.