अकोला

नाबालिग पर अत्याचार के आरोप से प्रा. वसीम चौधरी बाइज्जत बरी

सबूत न होने के कारण जिला व सत्र न्यायालय ने दी राहत

अकोला/ दि. 26– अकोला के चौधरी कोचिंग क्लासेस के संचालक व कैमेस्ट्री के प्रोफेसर वसीम चौधरी को नाबालिग लडकी पर अत्याचार के आरोप में पुख्ता सबूत न होने की वजह से जिला व सत्र न्यायालय ने राहत देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया.
अदालत में दायर दोषारोपपत्र के अनुसार 22 मई 2022 को सिविल लाइन पुलिस थाने में प्रा. वसीम चौधरी के खिलाफ कोचिंग क्लास की एक नाबालिग लडकी की शिकायत पर आबरू लूटने का अपराध दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने वसीम चौधरी के खिलाफ पोक्सों की धारा 68, 902 सूचना व तकनीकी ज्ञान की धारा 67 बी,सहधारा 376, 2, एफ 34, 354, ए.बी. डी. 506, 209 व आर्मएक्ट के अनुसार अपराध दर्ज किया था. यह मामला काफी संवेदनशील होने के कारण पुलिस ने आरोपी वसीम चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था. शुरूआत में जिला व सत्र न्यायालय ने वसीम चौधरी की जमानत का आवेदन खारिज किया था. तब से 24 अप्रैल 2023 तक वसीम चौधरी जेल की सलाखों की पीछे था. सिविल लाइन पुलिस ने मामले की तहकीकात कर जिला व सत्र न्यायालय में दोषारोपपत्र दायर किया. सरकारी पक्ष की ओर से 6 गवाहों के बयान लिए गए. उनमें से 3 गवाह अपने बयान से मुकर गए. आरोपी के खिलाफ किसी भी तरह के ठोस सबूत न होने के कारण सरकारी पक्ष अदालत में अपराध साबित नहीं कर पाया. इस पर अदालत ने प्रा. वसीम चौधरी को अपराध से बाइज्जत बरी किया. आरोपी की ओर से एड. दिलदार खान व एड श्याम जोशी ने दलीले पेश की.

 

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