अकोला/प्रतिनिधि दि.२ – इस बार के मान्सून में बारिश अच्छी हुई हेै. किंतु अतिवृष्टि व समय समय पर बारिश गायब हो जाने से फसलों का नुकसान भी हुआ है. जून से अगस्त के बीच विदर्भ के एक भी जिले में बारिश ने औसत पार नहीं किया. जबकि चार जिलों में औसत से कम बारिश रहने की जानकारी ‘आईएमडी’ की ओर से मिली है. विदर्भ में इस वर्ष मान्सून समय पर दाखिल हुआ. अधिकांश जिले में जून के पहले ही सप्ताह में बारिश का आगमन हुआ है. जिससे इस बार तो भी अच्छी बारिश बरसेगी ऐसी अपेक्षा थी. किंतु शुरुआत में बारिश बरसने के बाद पूरे 20 से 22 दिन वह खंडित रही. उसके बाद जुलाई के दूसरे सप्ताह में फिर मान्सून सक्रीय हुआ. अब भी कुछ दिनों के अंतराल में बारिश हो रही है. कम ज्यादा प्रमाण में बरसने वाली बारिश से विदर्भ के एक भी जिले में बारिश ने औसत पार नहीं किया. जबकि बुलढाणा, अमरावती, गोंदिया व गडचिरोली इन जिले में औसत से कम बारिश हुई है. शेष जिले में ओैसतन बारिश की नोंद हुई है.
पिछले तीन महिने में विदर्भ में औसत से कम बारिश हुई. यह अनियमित बारिश का वर्ष रहा है. कुछ जिले में बारिश की कमी दिखाई देती है.
– संजय अप्तुरकर,
मोैसम अभ्यासक
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सात जिले में औसतन बारिश
विदर्भ के अकोला, वाशिम, यवतमाल, वर्धा, नागपुर, भंडारा व चंद्रपुर आदि सात जिले में औसतन बारिश की नोंद होने की जानकारी आईएमडी की ओर से दी गई है. जबकि सर्वाधिक बारिश 842.60 मिमी. चंद्रपुर जिले में नोंद की गई हैं.