श्रीकांत देशपांडे को ही है शिक्षकों की समस्याओं का ऐहसास
जलसंपदा राज्यमंत्री जयंत पाटिल का कथन
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अकोला में ली प्रचार सभा, आघाडी की जीत का किया दावा
अकोला प्रतिनिधि/दि.28 – संभागीय शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाडी द्वारा प्रत्याशी बनाये गये प्रा. श्रीकांत देशपांडे को सहीं अर्थों में शिक्षकों की समस्याओं का ऐहसास है और उन्होंने इन समस्याओं का समाधान ढूंढने हेतु अभ्यासपूर्ण ढंग से विधान परिषद में मसले उठाते हुए उन्हें हल करने का काम किया है. जिसे देखते हुए प्रा. श्रीकांत देशपांडे को महाविकास आघाडी द्वारा शिवसेना के कोटे से विधान परिषद सीट हेतु अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया गया है. साथ ही उन्हें संभाग में हर स्तर से शिक्षकों का समर्थन मिल रहा है और उनकी जीत पूरी तरह से निश्चित है. इस आशय का प्रतिपादन राज्य के जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल ने किया.
गत रोज अकोला में प्रा. श्रीकांत देशपांडे के प्रचारार्थ एक बैठक आयोजीत की गई थी. जिसमें मंत्री जयंत पाटिल ने उपरोक्त प्रतिपादन किया. इस समय मंच पर राज्य के अन्न व औषधी प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत, विधायक गोपीकिशन बाजोरिया, नितीन देशमुख, अमोल मिटकरी व विप्लव बाजोरिया, राज्य के पूर्व मंत्री व शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, पूर्व मंत्री गुलाबराव गावंडे, अजहर हुसैन व रामदास बोडखे, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हिदायत पटेल, राकांपा के जिलाध्यक्ष संग्राम गावंडे, पूर्व विधायक तुकाराम बिडकर, प्रकाश तायडे, ख्वाजा बेग, एड. नाझर काजी, हरिदास भदे, वाशिम जिला परिषद अध्यक्ष चंद्रशेखर ठाकरे, पूर्व मंत्री अजहर हुसैन, पूर्व जिप सभापति सुरेखा ठाकरे, सुनील वर्हाडे तथा बुलडाणा अध्यक्ष मोबीन आदि उपस्थित थे.
इस बैठक में मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि, प्रा. श्रीकांत देशपांडे द्वारा शिक्षकों के मसलों पर किये गये कामों को खुद उन्होंने अपनी आंखों से देखा है. वे बिना अनुदानित शालाओं के शिक्षकों हेतु लगातार मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के संपर्क में है और शिक्षकों के मसले पर उनकी छठपटाहट साफ देखी जा सकती है. उन्होंने एक अध्ययनशिल शिक्षक प्रतिनिधि के तौर पर बेहतरीन काम किया है. जिसके दम पर वे दोबारा निर्वाचित होकर विधान मंडल में पहुचेंगे. उनकी जीत को सुनिश्चित देखते हुए अब अन्य उम्मीदवार मतदाताओं को कई तरह के प्रलोभन दिखा रहे है. जिससे शिक्षकों को बचना चाहिए.
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शिवाजी शिक्षण संस्था प्रा. देशपांडे के साथ
इस बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने कहा कि, वे सन 1972 से शरद पवार के साथ काम कर रहे है. ऐसे में जैसे ही उनकी पार्टी ने श्रीकांत देशपांडे की उम्मीदवारी का समर्थन किया और उन्हें अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया, उसी दिन यह तय हो गया कि, हमारा समर्थन भी प्रा. श्रीकांत देशपांडे को ही रहेगा. हम सभी प्रा. श्रीकांत देशपांडे के समर्थन में पूरी मजबूती के साथ खडे है और उन्हें निश्चित तौर पर विजयी बनायेंगे
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महाविकास आघाडी की ताकत दिखाना जरूरी
इस समय महाविकास आघाडी के सभी दल एकजूट होकर काम कर रहे है. ऐसे में यह चुनाव महाविकास आघाडी की ताकत दर्शानेवाले साबित हो सकते है. इसी के चलते कई अच्छे लोग एक मंच पर आये है, जो श्रीकांत देशपांडे जैसे अच्छे प्रत्याशी के साथ खडे है. इस आशय का प्रतिपादन करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा कि, हर एक व्यक्ति ने महाविकास आघाडी की ताकत को बढाने हेतु प्रा. श्रीकांत देशपांडे की जीत के लिए प्रयास करना चाहिए.
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प्रा. श्रीकांत देशपांडे मेरे मानसपुत्र, उन्हें विजयी बनाओ
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राकांपा प्रमुख सांसद शरद पवार ने किया शिक्षक मतदाताओं से आवाहन
वहीं दूसरी ओर महाविकास आघाडी के नेता व राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद शरद पवार ने अमरावती संभाग के शिक्षक मतदाताओं हेतु एक वीडियो वायरल करते हुए कहा है कि, प्रा. श्रीकांत देशपांडे उनके मानस पुत्र है. साथ ही वे शिक्षकों के हितों हेतु पूरी तरह से समर्पित है. अत: संभाग के सभी शिक्षकों ने महाविकास आघाडी प्रत्याशी प्रा. श्रीकांत देशपांडे को प्रचंड बहुमतों से विजयी बनाये. साथ ही राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने सभी शिक्षक मतदाताओं को आश्वासन दिया कि, वे उनके वोट को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. इसके साथ ही राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने महाविकास आघाडी में शामिल शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा, रिपाइं, प्रहार जनशक्ति तथा स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के मंत्रियों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को प्रा. श्रीकांत देशपांडे के पक्ष में पूरी ताकत के साथ काम पर लग जाने का आवाहन भी किया है. राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के मुताबिक वे प्रा. श्रीकांत देशपांडे को अपना मानसपुत्र मानते है और प्रा. श्रीकांत देशपांडे हमेशा ही शिक्षकोें के मसलों को लेकर सदन में बडे आक्रामक ढंग से विचार रखते आये है. अत: विधान परिषद में प्रा. श्रीकांत देशपांडे जैसा शिक्षक विधायक रहना बेहद जरूरी है.