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शुभम लोणकर का भाई प्रवीण लोणकर पुणे में पकडा गया

राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में हुई गिरफ्तारी

* लोणकर बंधुओं का लॉरेंस विश्नोई गैंग के साथ है सीधा कनेक्शन
* मूलत: अकोला जिले के अकोट से वास्ता रखते है शुभम और प्रवीण लोणकर
अकोला/दि.14 – अजीत पवार गुट वाली राकांपा के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या किये जाने के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने प्रवीण लोणकर नामक तीसरे आरोपी को पुणे से गिरफ्तार किया है. बता दें कि, सोशल मीडिया पर सबसे पहले एक पोस्ट वायरल करते हुए लॉरेंस विश्नोई गैंग की ओर से बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने वाले शुबू उर्फ शुभम लोणकर का प्रवीण लोणकर भाई है, जो पुलिस के हत्थे चढ चुका है. वहीं अब पुलिस द्वारा शुबू उर्फ शुभम लोणकर की सरगर्मी से तलाश की जा रही है, जो फिलहाल फरार चल रहा है. मुंबई पुलिस के मुताबिक बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में इससे पहले गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपियों को प्रवीण लोणकर ने ही पुणे में शरण दी थी.
बता दें कि, मूलत: अकोला जिले की अकोट तहसील अंतर्गत निवरी बुद्रुक गांव में रहने वाले शुभम लोणकर नामक युवक का कुख्यात माफिया सरगना लॉरेंस विश्नोई गैंग के साथ संबंध रहने की बात जारी वर्ष के प्रारंभ में 16 जनवरी को सामने आयी थी, जब अकोला शहर में दो पिस्तौल व 9 जिंदा कारतूस के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया गया था. जिनसे मिली जानकारी के आधार पर इसके बाद 30 जनवरी को पुणे के वारजे परिसर से शुभम लोणकर को गिरफ्तार किया गया था. वहीं इन तीनों आरोपियों से की गई पूछताछ के आधार पर अकोट व अंजनगांव सुर्जी परिसर से वास्ता रखने वाले अन्य 6 से 7 युवकों को भी पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया था. जिनके पास से पुलिस ने देशी कट्टे सहित 5 कारतूस व 2 मैग्जिन जब्त किये थे. ऐसे में अकोला पुलिस इस बात की जानकारी खंगाल रही थी कि, आखिर इन युवकों को हथियार उपलब्ध कराने के पीछा लॉरेंस विश्नोई गैंग का इरादा क्या है और यह गैंग विदर्भ क्षेत्र में क्या करना चाहती है. हालांकि आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत नामजद व गिरफ्तार होने के बाद आगे चलकर सभी आरोपियों को जमानत भी मिल गई थी और अब राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के मामले में शुभम लोणकर का नाम एक बार फिर सामने आया. जब खुद शुभम लोणकर ने अपनी फेसबुक आईडी के जरिए लॉरेंस विश्नोई गैंग की ओर से बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जिम्मेदारी स्वीकार की. जिसके चलते जब मुंबई पुलिस ने शुभम लोणकर की जानकारी को खंगालना शुरु किया, तो करीब 9 माह पहले अकोला शहर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी सामने आयी और इसके साथ ही यह खुलासा भी हुआ कि, शुभम लोणकर इससे पहले भी हथियारों की तस्करी व लॉरेंस विश्नोई गैंग से वास्ता रखने के मामले में पकडा जा चुका है. इसके चलते मुंबई पुलिस के दल ने तुरंत ही अकोट तहसील के निवरी बुद्रुक गांव पहुंचकर पडताल की. लेकिन इस समय शुभम लोणकर के घर पर ताला लगा हुआ मिला.
वहीं अब इस पूरे मामले को देखते हुए अकोट व अकोला पुलिस ने विगत जनवरी व फरवरी माह के दौरान पिस्तौल व कट्टे जैसे हथियारों की तस्करी को अवैध खरीदी विक्री के मामले में नामजद रहने वाले सभी आरोपियों की कुंडली को दोबारा खंगालना शुरु किया है. जिसके तहत उस समय पकडे गये सभी 10 आरोपियों को अकोट उपविभाग के सहायक पुलिस उपाधिक्षक अनमोल मित्तल ने अपने समक्ष हाजिर रहने हेतु आदेश जारी किये है, तो पता चला कि, उन 10 में से शुभम लोणकर व प्रतिक लोणकर नामक दो आरोपी को विगत लंबे समय से फरार है. वहीं अन्य 8 आरोपियों का इस समय लोणकर भाईयों के साथ कनेक्शन खंगाला जा रहा है.

* ऐसा था पुराना मामला
बता दें कि, विगत 16 जनवरी को अकोला शहर पुलिस द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर दो लोगों को अवैध रुप से अपने पास हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. जिनकी निशानदेही पर अकोला में एक कुएं से दो पिस्तौल व 9 जिंदा कारतूस जब्त किये गये थे. जिसके बाद तेल्हारा तहसील के अडगांव बु. में रहने वाले प्रफुल्ल विनायकराव चव्हाण व अकोट के धोबीपुरा में रहने वाले अजय तुलाराम देठे को हिरासत में लिया गया था. जिनसे की गई पूछताछ के दौरान पता चला था कि, मूलत: अकोट तहसील के निवरी बुद्रुक गांव के निवासी और विगत लंबे समय से पुणे के वारजे परिसर में रह रहे शुभम रामेश्वर लोणकर ने एक अज्ञात आपूर्तिकर्ता को प्रफुल्ल चव्हाण के पास हथियार पहुंचाने हेतु कहा था. जिसे प्रफुल्ल चव्हाण व अजय देठे ने अगला निर्देश मिलने ते एक सूखे कुएं में छिपा दिया था. इस जानकारी के सामने आने के बाद अकोला पुलिस ने पुणे के वारजे परिसर से शुभम लोणकर को गिरफ्तार किया था. जिसके मोबाइल की जांच करने पर उसका कुख्यात माफिया सरगना लॉरेंस विश्नोई की गैंग के साथ कनेक्शन सामने आया था. जिसके तहत पता चला था कि, शुभम लोणकर खुद एक-दो बार वॉट्सएप के जरिए वीडियो कॉल पर लॉरेंस विश्नोई के साथ बात कर चुका है. वहीं लॉरेंस विश्नोई के भाई अनमोल विश्नोई ने भी शुभम लोणकर के साथ दो-तीन बार वॉट्सएप पर अंतर्राष्ट्रीय कॉल के जरिए बात की थी. ऐसे में यह मामना अपने आप में काफी गंभीर हो गया था. पश्चात शुभम लोणकर से की गई पूछताछ के जरिए पता चला था कि, शुभम लोणकर व उसके साथियों ने अकोट सहित अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्र से वास्ता रखने वाले 5 से 7 लोगों के जरिए हथियारों की आपूर्ति का नेटवर्क खडा कर लिया था. साथ ही अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्र के एक-दो युवकों को देशी कट्टे व कारतूस की विक्री भी की थी. इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने अकोट व अंजनगांव सुर्जी क्षेत्र से वास्ता रखने वाले करीब 7-8 युवकों को हिरासत में लेकर उनके पूछाताछ की थी. हालांकि इन सभी को आगे चलकर जमानत मिल गई थी. वहीं अब बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में शुभम लोणकर का नाम सामने आने और उसके भाई प्रवीण लोणकर को मुंबई पुलिस द्वारा पुणे से गिरफ्तार किये जाने के बाद अकोला पुलिस ने लोणकर भाईयों से कनेक्टेड रहने वाले आरोपियों की कुंडली खंगालनी शुरु कर दी गई है. जिसके तहत विगत जनवरी व फरवरी माह में पकडे गये सभी आरोपियों को एक बार फिर अकोट पुलिस के समक्ष लाइन हाजिर किया जा रहा है.

* तीसरा शूटर शिवकुमार गौतम अब भी फरार
मुंबई की क्राइम ब्रांच पुलिस ने बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वाले तीन आरोपियों में से दो को उसी रात गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, तीसरा हमलावर फरार हो गया था जिसका नाम शिवकुमार गौतम बताया जा रहा है. पकड़े गए दो आरोपियों को पुलिस ने किला कोर्ट में पेश किया. अदालत ने दोनों को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा है. पुलिस ने धर्मराज कश्यप और गुरमैल सिंह के पास से 28 जिंदा कारतूस बरामद किए थे. इसी बीच शिवकुमार को दबोचने के लिए भी तलाश चल रही है. वहीं गत रोज पुणे से प्रवीण लोणकर की गिरफ्तारी हुई.

* सिद्दीकी पिता-पुत्र को एकसाथ मारना चाहते थे शूटर्स
इस बीच यह जानकारी भी सामने आयी है कि, मामले में पकडे गये आरोपियों द्वारा बाबा सिद्दीकी के साथ ही उनके बेटे जिशान सिद्दीकी को भी गोली मारने की योजना बनाई गई थी और वे सिद्दीकी पिता-पुत्र की एकसाथ हत्या करना चाहते थे. बाबा सिद्दीकी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपी शूटर्स ने पुलिस को बताया है कि उन्हें बाबा के साथ उनके बेटे जीशान सिद्दीकी को भी मारने के आदेश मिले थे. कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की ओर से उन्हें कहा गया था कि दोनों को एक साथ मारना है. अगर मौका नहीं मिल पाता है, तो जो सामने आए उसे मार दो. ऐसे में उन्होंने अपने निशाने पर आये बाबा सिद्दीकी पर तडातड 6 गोलियां चलाई थी. जिसमें से बाबा सिद्दीकी को तीन गोलियां लगी थी. जिसकी वजह से बाबा सिद्दीकी की मौत हो गई थी.

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