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दलित बस्ती का फंड अन्यत्र देने पर स्टे

हाईकोर्ट ने कलेक्टर को दिये निर्देश

* वंचित आघाडी का प्रेसवार्ता में दावा
अकोला/दि.7 – पिछडा वर्ग के लिए मंजूर दलित बस्ती का फंड अन्यत्र देने पर उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश दे दिया है. उसी प्रकार याचिका में उपस्थित किये गये मुद्दों पर कलेक्टर से शपथपत्र मांगा गया है. यह जानकारी वंचित बहुजन आघाडी ने आज दोपहर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी. पूर्व समाजकल्याण सभापति आम्रपाली खंडारे और कुछ सरपंच ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से एड. आनंद देशपांडे ने पक्ष रखा. अकोला जिला परिषद का 2024-25 वित्त वर्ष में दलित बस्ती का फंड सितंबर 2024 में स्वीकृत किया गया था. निधि वितरीत करने परिपूर्ण प्रस्ताव समाज कल्याण के सहायक आयुक्त को दिया गया. किंतु गत 31 जनवरी को डीपीसी की बैठक में पालकमंत्री और जिलाधिकारी की बैठक के दो अहवाल तैयार कर पिछडा वर्ग का आरक्षित दलित बस्ती का फंड अन्य कामों के लिए दिया गया. इसे पूरी तरह गैरकानूनी बताते हुए कोर्ट में दलीलें दी गई. कोर्ट ने स्टे देकर कलेक्टर को नोटिस जारी की है. प्रेसवार्ता में वंचित बहुजन आघाडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अरुंधती सिरसाठ, प्रदेश महासचिव राजेंद्र पातोडे, महिला आघाडी अध्यक्ष आम्रपाली खंडारे, पूर्व गट नेता ज्ञानेश्वर सुलताने, जिला अध्यक्ष प्रमोद देंडवे, विकास सदाशिव, पराग गवई, अविनाश खंडारे आदि मौजूद थे.

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